पीडीपी प्रधान, पूर्व मुख्यमंत्री व पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डेक्लेरेशन की उपप्रधान महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय ध्वज पर विवादित बयान के बाद एक बार फिर भड़काऊ भाषण देते हुए कहा कि जब प्रदेश में युवाओं को नौकरियां ही नहीं मिलेंगी तो वे मजबूर होकर बंदूक उठाएंगे। जम्मू-कश्मीर में स्थानीय युवाओं के लिए नौकिरयों व भूमि के अधिकार छीन लिए गए हैं। ये बात जम्मू के लोगों को भी समझ आ गई है।
जम्मू पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान महबूबा ने यह बयान देकर आतंकवाद की राह पर चल रहे कश्मीरी युवाओं को बेरोजगारी के साथ जोड़ दिया। उनके इस बयान का यह स्पष्ट मतलब था कि कश्मीर में जो कश्मीरी युवा आतंकवादी बने हैं, वे बेरोजगारी से परेशान थे। यही नहीं उन्होंने इसके माध्यम से केंद्र को यह चेतावनी भी दे डाली कि यदि जम्मू-कश्मीर के युवाओं का हक दूसरे राज्यों के युवाओं को दिया गया तो यह सिलसिला आगे बढ़ेगा।
आपको जानकारी हो कि नजरबंदी हटने के बाद कश्मीर में पत्रकारों के समक्ष अपनी बार रूबरू हुई महबूबा मुफ्ती ने यह विवादित बयान दिया था कि जब तक मेरे हाथ में मेरा ध्वज नहीं होगा, तब तक वह कोई दूसरा ध्वज नहीं उठाएंगी। उनके इस बयान के बाद प्रदेश में धरना-प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था। यही नहीं पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डेक्लेरेशन के गठन के बाद जब वह संगठन की गतिविधियों को जम्मू में तेज करने के लिए जम्मू पहुंची तो उन्हें बजरंग दल, शिव सेना, इक्कजुट जम्मू समेत कई राजनीतिक व सामाजिक संगठनाें के विरोध का सामना करना पड़ा।
अब उनके द्वारा दिए गए इस बयान ने एक बार फिर लोगों में आक्रोश भड़का दिया है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दी है। जम्मू-कश्मीर समेत देश के विभिन्न कोनों से महबूबा को इस बयान के लिए कड़ा कोसा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जब से केंद्र सकरार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाया है और इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा किया है, यहां के लोगों की परेशानियां बढ़ी हैं। इनमें जम्मू भी शामिल है। बजरी, रेत के कारोबार में शामिल लोग भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। अब ये काम भी बाहरी राज्यों के लोगों को दे दिया गया है। हमने जम्मू में समाज के विभिन्न वर्गों से बातचीत की। जम्मू में कारोबार पूरी तरह से ठप्प है। रोजगार मिल नहीं रहा है। इंडस्ट्री नहीं चल रही है। भाजपा ने यहां के लोगों को जो सब्ज बाग दिखाए थे, वे भी अब अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। रोजगार मिल नहीं रहा है। इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है। भाजपा ने लोगों के बीच फूट डालने का प्रयास किया। हमें अनुच्छेद-370 की बहाली की लड़ाई को मिल कर लड़ना होगा। हमें पूर्व जम्मू-कश्मीर का संविधान वापस चाहिए। हम जम्मू-कश्मीर के संविधान की शपथ लेेने के साथ ही देश की संप्रभुता की शपथ लेते रहे है। अगर आप एक उंगली काट दोगे तो काम नहीं चलेगा। आपको सूद समेत हमारा झंडा, हमारा संविधान वापस लौटाना ही होगा। उन्होंने इस दौरान कुछ टीवी चैनलों पर भाजपा का एजेंडा आगे बढ़ाने का आरोप भी लगाया।
महबूबा ने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने अनुच्छेद-370 लगाया था। अनुच्छेद-370 जम्मू-कश्मीर के लोगों के हकों की सुरक्षा के लिए था। पूर्व जम्मू-कश्मीर का झंडा भी भारतीय संविधान ने दिया था। हमारे सारे हक छीन लिए गए। बिहार चुनाव में रोजी, रोटी या किसानों की बात करने के बजाए भाजपा ने अनुच्छेद-370 हटाने के मुद्दे को उठाया। जम्मू-कश्मीर को सेल पर लगाया गया। कहा, जाओ जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद लो लेकिन लोगों ने इसे नकार दिया। बिहार में अनुच्छेद-370 नहीं चला।
गुपकार एजेंडा वाली पार्टियां मिल कर जिला विकास परिषद के चुनाव लड़ रही है। महबूबा ने कहा कि जो ताकतें जम्मू-कश्मीर को बर्बाद कर रही है, उनके खिलाफ मिल कर हम संघर्ष कर रहे है।
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ