श्रीनगर: हर साल लाखों युवा सिविल सेवक बनने का सपना लिए सिविल सेवा की परीक्षा देते हैं. इसमें से कुछ ही सफल हो पाते हैं. और जो सफल होते उनकी सफलता के बारे में जानने के लिए लोग उत्साहित होते हैं. ऐसी ही दिलचस्प कहानी है जम्मू के एक परिवार की. यहां डोडा जिले के एक परिवार के तीन भाई बहनों की है जिन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल की है.
ये तीनों भाई बहन जम्मू के डोडा जिले के एक सूदूर इलाके में रहते हैं. इनमें सबसे बड़ी बहन हैं हुमा वानी, उनसे छोटी हैं इफरा अंजुम वानी और सबसे छोटे भाई हैं सुहैल. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इफरा और सुहैल ने पहले ही प्रयास में परीक्षा पास की है. वहीं हुमा ने दूसरी बार में सफलता हासिल की है. तीनों के रैंक 150 के अंदर है. पूरे जम्मू-कश्मीर में ऐसा पहली बार हुआ है जब तीन भाई बहनों ने एक साथ सिविल सेवा की परीक्षा पास की है.
तीनों के पास मोबाइल फोन भी नहीं है
एक ओर जहां आज के युवा अपने मोबाइल फोन से कुछ समय के लिए भी दूर नहीं रह पाते हैं. वहीं दूसरी ओर इन तीनों भाई बहनों के पास मोबाइल फोन नहीं है. पिता मुनीर अहमद वानी मजदूरी कॉन्ट्रेक्टर का काम करते हैं और मां गृहणी हैं. पिता बताते हैं कि आज भी उनके बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं है. जब भी उन्हें इंटरनेट की जरूरत होती थी वह अपनी मां का फोन उपयोग करते थे. इन्हीं आदतों ने सबको सफलता दिलाई है. अपनी खराब आर्थिक स्थिति के बाद भी पिता मुनीर ने अपने बच्चों को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
एक ही किताब से की पढ़ाई
सुहैल ने साल 2019 में गवर्नमेंट MAM कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. हुमा और इफरा ने साल 2020 में IGNOU से पॉलिटिकल साइंस में MA किया. फिर 2021 में तीनों ने तय किया कि सिविल परिक्षा की तैयारी करेंगे. इफरा बताती हैं कि हर विषय में उनके पास केवल एक किताब होती थी जिससे तीनों पढ़ते थे. ऐसी स्थिति में हुमा और सुहैल के बीच हमेशा एक किताब से पढ़ने के लिए लड़ाई होती रहती थी. बाद में इफरा ही उनके बीच सुलह कराती थी. इफरा कहती हैं हम खुद पढ़कर आपस में एक दूसरे को टॉपिक समझाते थे. हमारे पास कोचिंग तक के पैसे नहीं थे.