इजराइल पर सीजफायर के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की वॉर कैबिनेट में मतभेद भी उभरकर सामने आने लगे हैं।
नेशनल सिक्योरिटी मिनिस्टर एतमार गिविर ने नेतन्याहू को इस्तीफे की धमकी दी है। कट्टरपंथी यहूदी नेता गिविर ने कहा- न तो हमास के खिलाफ जंग रुकनी चाहिए और न हमारी सेना की कार्रवाई कमजोर पड़नी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो मैं सरकार में नहीं रहूंगा।
दूसरी तरफ, पोलैंड के वारसा शहर में बंधकों की रिहाई के मुद्दे पर अमेरिकी इंटेलेजेंसी एजेंसी सीआईए और इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ्स के बीच बातचीत शुरू हो गई है। कतर भी इसमें शामिल है।
गिविर ने अपनी ही सरकार को हमास से जंग के मामले में कठघरे में खड़ा कर दिया। कहा- हमास के खिलाफ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। अगर फौज ने पूरी ताकत से जंग नहीं लड़ी तो मैं इस गठबंधन सरकार को छोड़ दूंगा। दो महीने से ज्यादा गुजरे और जंग जारी है। हमारी सरकार ने गाजा को मदद के लिए कुछ फैसले किए हैं। मैं इन्हें सही नहीं मानता।
गिविर ने आगे कहा- गाजा में 200 टैंकर फ्यूल नहीं भेजा जा सकता। वहां कोई पैसा भी नहीं भेजा जाना चाहिए। हमास बंधकों की रिहाई के लिए सख्त शर्तें रख रहा है। नेतन्याहू को मेरे बताए रास्ते पर चलना चाहिए। हमास को कोई मौका नहीं दिया जाना चाहिए। वो हमारे देश पर अब भी रॉकेट दाग रहे हैं। मैंने पिछले महीने भी सीजफायर का विरोध किया था। सरकार रहे न रहे, हमें हमास के सामने झुकना नहीं चाहिए।
सीआईए के डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने मोसाद और इजराइल के दूसरे टॉप ऑफिशियल्स से पोलैंड में मुलाकात की है। इस दौरान कतर के अधिकारी भी मौजूद थे।
नेतन्याहू इस वक्त दोहरी मुश्किल में हैं। एक तरफ गठबंधन सरकार और वॉर कैबिनेट में सीजफायर के खिलाफ आवाजें उठ रहीं हैं तो दूसरी तरफ अमेरिका और यूरोपीय देश इजराइल पर सीजफायर के लिए दबाव डाल रहे हैं।
सोमवार को सीआईए के डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने मोसाद और इजराइल के दूसरे टॉप ऑफिशियल्स से मुलाकात की। इस दौरान कतर के अधिकारी भी मौजूद थे। पिछले सीजफायर की तरह ही कैदियों के बदले बंधकों को रिहा करने पर बातचीत जारी है। पिछले सीजफायर में 105 बंधक रिहा किए गए थे।अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन सोमवार को इजराइल पहुंचे। उन्होंने इजराइल के डिफेंस मिनिस्टर योव गैलेंट से मुलाकात की। बाद में जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- अमेरिका हमेशा इजराइल के साथ खड़ा है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग के बाद बाइडेन और नेतन्याहू भी फोन पर बातचीत कर सकते हैं। हालांकि, इस बारे में ऑफिशियली कुछ नहीं कहा गया है।
ऑस्टिन ने कुछ दिन पहले कहा था कि अमेरिका के लिए यह जरूरी है कि वो इजराइल का साथ दे, क्योंकि इजराइल मिडिल ईस्ट और यूरोप में एक साथ अमेरिकी सहयोगी साबित होता रहा है।