बल्लेबाजों पर लगे कलंक को धुलना आसान नहीं T20 World Cup में

ICC T20 World Cup जीतने की गारंटी ये नहीं है कि एक बल्लेबाज कोई टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाए। T20 विश्व कप जीतने की गारंटी ये है कि टीम अच्छा प्रदर्शन एक या दो मैच में नहीं, बल्कि हर एक मैच में करे और ज्यादातर मौकों पर एक नया मैच विनर बनकर उभरे। ऐसा आस्ट्रेलिया की टीम ने कर दिखाया है और यही कारण है कि टीम खिताब जीतने में सफल रही है। अलग-अलग मैचों में कंगारू टीम की ओर से अलग-अलग मैच विनर निकले हैं। हालांकि, बल्लेबाजों पर इस मेगा इवेंट में जो कलंक लगा हुआ है, उस कलंक को अभी तक धुला नहीं जा सका है।

दरअसल, आइसीसी मेंस टी20 वर्ल्ड कप के इतिहास में ऐसा होता आ रहा है कि जिस भी टीम का बल्लेबाज सबसे ज्यादा रन बनाता है, उसी टीम कभी खिताब नहीं जीत पाई है। ऐसा एक या दो बार नहीं, बल्कि अब तक सात बार हो चुका है और अभी तक इस मेगा इवेंट में सात ही संस्करण खेले गए हैं। ऐसे में ये बल्लेबाजों पर कलंक है कि वे सबसे ज्यादा रन बनाने के बाद भी टीम को खिताब नहीं दिला सके हैं। इस बार पाकिस्तान टीम के कप्तान बाबर आजम के साथ ये घटा है, क्योंकि वे इस टूर्नामेंट में इस साल के संस्करण में सबसे ज्यादा रन बनाने वाला बल्लेबाज हैं, लेकिन टीम खिताब से दूर रही है।

आपकी जानकारी के लिए बता दूं, सबसे पहले साल 2007 के टी20 विश्व कप में आस्ट्रेलिया के लिए दिग्गज बल्लेबाज मैथ्यू हेडेन ने सबसे ज्यादा रन बनाए थे, लेकिन टीम खिताब नहीं जीत पाई थी। वहीं, दो साल के बाद 2009 के टी20 विश्व कप में श्रीलंका के ओपनर तिलकरत्ने दिलशान टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे, लेकिन उनकी टीम उपविजेता ही रही थी। अगले साल फिर से टी20 विश्व कप का आयोजन हुआ था और टी20 विश्व कप 2010 में महेला जयवर्धने 302 रनों के साथ टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे, लेकिन उस साल श्रीलंका की टीम खिताब अपने नाम नहीं कर पाई थी।

वहीं, 2012 में आस्ट्रेलियाई ओपनर शेन वाटसन ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 249 रन बनाए थे, लेकिन टीम खिताब से कोसों दूर रही थी। वहीं, 2014 में विराट कोहली ने 319 रन बनाए थे, लेकिन टीम तब भी खिताब नहीं जीत पाई थी। वहीं, 2016 के टी20 विश्व कप में बांग्लादेश के ओपनर तमीम इकबाल टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ रन स्कोरर थे, लेकिन बांग्लादेश खिताब से काफी दूर रही। वहीं, 2021 के टी20 विश्व कप में ये कलंक बाबर आजम के सिर सजा है, क्योंकि वे 303 रन बनाकर टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज जरूर बने, लेकिन टीम खिताब अपने नाम नहीं कर पाई।