गुरुवार देर रात गाजा के सबसे बड़े अल-शीफा अस्पताल के कॉम्प्लेक्स में इजराइली हमला हुआ

इजराइल और हमास जंग का आज 35वां दिन है गुरुवार देर रात गाजा के सबसे बड़े अल-शीफा अस्पताल के कॉम्प्लेक्स में इजराइली हमला हुआ। अब तक 6 लोगों की मौत हुई है। आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। फिलिस्तीनी हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, अल-शीफा अस्पताल में हजारों लोगों ने शरण ले रखी है।
इस बीच इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दोहाराया कि उनका इरादा गाजा पर कब्जे का नहीं है। उन्होंने कहा- हम गाजा पर कब्जा नहीं चाहते हैं। न ही चाहते हैं कि वहां हमारी सरकार हो। हम बस गाजा को बेहतर भविष्य देना चाहते हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी WHO ने एक अहम बयान जारी किया। कहा- जंग के बीच गाजा में सेहत संबंधी गंभीर खतरे पैदा हो रहे हैं। यहां गंभीर बीमारियां फैलने की आशंका है। जंग के बीच इस संगठन का यह पहला बयान है। WHO ने कहा- गाजा में करीब 23 लाख लोग रहते हैं। यहां बुनियादी सुविधाएं जंग की शुरुआत में ही खत्म हो गईं थीं। अगर हालात बहुत जल्द नहीं सुधरे तो यहां गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा है।
WHO के मुताबिक- डायरिया, चिकनपॉक्स और सांस लेने में दिक्कत होने जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं। यहां इस वक्त पीने लायक पानी तक नहीं है। दुनिया से जो राहत सामग्री भेजी जा रही है वो बेहद कम है। उससे कोई फायदा नहीं होगा।
WHO के मुताबिक- गाजा में डायरिया, चिकनपॉक्स और सांस लेने में दिक्कत होने जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं। यहां इस वक्त पीने लायक पानी तक नहीं है।
लेबनान से एक बार फिर इजराइल की तरफ एंटी टैंक मिसाइल दागे गए हैं। इजराइली डिफेंस फोर्स यानी IDF के मुताबिक- जवाबी कार्रवाई में लेबनान से हमले कर रहे हिजबुल्लाह के दो अहम ठिकाने तबाह कर दिए गए।
गुरुवार दोपहर लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने इजराइल की तरफ एंटी टैंक मिसाइल दागे। चार मिसाइल फायर की गईं। इनमें से एक बिरानित मिलिट्री बेस के करीब गिरी। हालांकि, इससे कोई नुकसान नहीं हुआ। बाकी तीन मिसाइल को आयरन ड्रोन ने मार गिराया। इजराइल ने यहां लेजर डिफेंस सिस्टम भी तैनात किया है।
इसके कुछ देर बाद दक्षिणी लेबनान से एक और मिसाइल फायर की गई। इसके निशाने पर इजराइली हेरॉन ड्रोन था। इसे भी मार गिराया गया। माना जा रहा है कि ये सभी मिसाइल ईरान में बनीं हैं और ईरान की मदद से ही इन्हें फायर किया गया।
लेबनान से हुए इन हमलों के बाद इजराइली सेना जबरदस्त जवाब दिया। चंद मिनट में ही साउथ लेबनान में हिजबुल्लाह के दो ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। माना जा रहा है कि बहुत जल्द इजराइली सेना जवाबी कार्रवाई का वीडियो भी जारी करेगी।
लेबनान से हुए इन हमलों के बाद इजराइली सेना जबरदस्त जवाब दिया। चंद मिनट में ही साउथ लेबनान में हिजबुल्लाह के दो ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया।
गाजा में इजराइली सेना को एक बहुत बड़ी कामयाबी मिली है। हालांकि, इजराइली सेना ने अब तक इस बात को छिपाकर रखा है।
इजराइली ग्राउंड ऑपरेशन में एक टनल नेटवर्क का पता लगा। यह हकीकत में हमास की सबसे बड़ी रॉकेट लॉन्चिंग पोस्ट थी और इजराइली सेना ने बड़ी सफाई से इस पर कब्जा किया। खास बात ये है कि इस पोस्ट से हमास के आतंकी दूसरे टनल नेटवर्क तक भी पहुंच सकते थे और माना जा रहा कि हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर को इसी टनल के जरिए इजराइल में हमलों का प्लान बनाया था और बाद में इसी से निकलकर हमले भी किए।
इजराइली सेना अब तक इस मामले पर चुप है। माना जा रहा है कि हमास की इस पोस्ट के बाद उसे टनल नेटवर्क के बाकी हिस्सों की जानकारी मिल चुकी है और उन्हें ब्लॉक करने के बाद उड़ाया जाना तय किया गया है। यही वजह है कि इस बारे में अब तक सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक- अब वेस्ट बैंक में भी बड़े ऑपरेशन की तैयारी है, क्योंकि वहां भी हमास के आतंकी छिपे हुए हो सकते हैं।
इजराइली ग्राउंड ऑपरेशन में एक टनल नेटवर्क का पता लगा। यह हकीकत में हमास की सबसे बड़ी रॉकेट लॉन्चिंग पोस्ट थी और इजराइली सेना ने बड़ी सफाई से इस पर कब्जा किया।
हमास के साथ जंग के बीच इजराइल ने नॉर्थ गाजा में हमले तेज कर दिए हैं। 7 अक्टूबर से लेकर अब तक सेना ने हमास के करीब 60 नेताओं और कमांडरों को मार गिराया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इजराइली सेना ने गाजा में हमास के चीफ याह्या सिनवार को उसके बंकर में अलग-थलग कर दिया है। वो बंकर के बाहर की दुनिया से पूरी तरह से कट चुका है।
इजराइली सेना ने बताया कि जमीनी ऑपरेशन की शुरुआत से वो अब तक 130 सुरंगों को तबाह कर चुकी है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, सीरिया में ईरान समर्थित ग्रुप से जुड़े 12 लोग गुरुवार को पूर्वी शहर डेर एजोर पर अमेरिकी हमले में मारे गए।
दूसरी तरफ, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि जंग के बाद गाजा को वेस्ट बैंक के साथ मिला देने चाहिए, जिससे यहां फिलिस्तीनियों की सरकार बन पाए। गाजा में भी वेस्ट बैंक की तरह फिलिस्तीनियों को साथ लाकर अथॉरिटी तय की जानी चाहिए।
इजराइली सेना की तरफ से 8 नवंबर से उत्तरी गाजा के लोगों को दक्षिणी हिस्से में जाने के लिए 4 घंटे का वक्त दिया जा रहा है। यहां से अब तक 50 हजार फिलिस्तीनियों ने गाजा छोड़ा है। इजराइली सेना ने एक बयान में कहा था- गाजा के लोगों के लिए यह कदम जरूरी था। हम आम लोगों की सुरक्षा चाहते हैं। इसलिए चार घंटे का वक्त दिया गया है। अब तक तीन बार ये काम किया जा चुका है।
7 अक्टूबर को हमास के हमले इस जंग की वजह बने थे। अब बेंजामिन नेतन्याहू सरकार, इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) और इंटेलिजेंस एजेंसियां (मोसाद, मिलिट्री इंटेलिजेंस और लोकल नेटवर्क) जांच करने जा रही हैं कि आखिर 7 अक्टूबर को हमास इतने बड़े हमले करने में कामयाब कैसे हुआ।
जांच में कुछ वक्त या कहें कुछ महीने लग सकते हैं। इसके लिए एक इन्क्वॉयरी कमीशन बनने जा रहा है। इसके सामने जांच के लिए जो पॉइंट्स रखे जाएंगे, उनकी कुछ जानकारी सामने आ रही है। कुछ बातों को तो फौज और इंटेलिजेंस एजेंसियां पहले ही मान चुकी हैं और कुछ पॉइंट्स ऐसे हैं, जिनका अभी तक किसी प्लेटफॉर्म पर जिक्र नहीं हुआ।
दरअसल, इजराइली सेना को ये लगता था कि गाजा में हमास कमजोर हो रहा है और वो किसी बड़े टकराव से बचेगा। उसका इस्लामिक जिहाद से भी विवाद चल रहा था। मई 2021 में भी इजराइल फौज ने गाजा में हमले किए थे। उसका ख्याल था कि उसने हमास के टनल नेटवर्क को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है, हालांकि ये उसकी गलतफहमी साबित हुई, क्योंकि टनल नेटवर्क को उस वक्त कोई खास नुकसान नहीं हुआ था।
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।