वेस्ट बैंक में रह रहे इजराइली लोग वहां के फिलिस्तीनी लोगों की जमीन छीन रहे हैं और उन पर कब्जा कर रहे हैं। फिलिस्तीनियों के घरों को जलाया जा रहा है। वहां हिंसा की जा रही है।
जंग के बाद से इजराइली सेना वेस्ट बैंक में रेड कर रही है। इसी बीच वहां रह रहे इजराइली फिलिस्तीनियों के साथ मारपीट भी कर रहे हैं। रेड की वजह से लोगों और सैनिकों के बीच झड़पें हुईं। इसमें वेस्ट बैंक में रह रहे 237 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। वहीं 2800 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
वहीं, हमास ने सीजफायर के तीसरे दिन यानी 26 नवंबर को बंधकों के तीसरे बैच में 13 इजराइलियों को आजाद किया। इसमें एक रूसी नागरिक है। आजाद हुए 13 इजराइलियों में 4 साल की अमेरिकी-इजराइली एविगेल इदान और 84 साल की अल्मा अव्राहम भी शामिल हैं। वहीं, इजराइल ने भी 39 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया।
कई कैदियों ने बताया है कि हमास ने उन्हें भूखा रखा। रोज खाना नहीं दिया, जो दिया वो काफी नहीं था। ठीक से खाना नहीं मिलने की वजह से कई बंधकों का वजन 5 किलो तक कम हुआ है। हालांकि, रिहा हुए बंधकों को कहीं चोट के निशान नहीं हैं, उन्हें इजराइल ने स्वस्थ बताया है।
इजराइली सेना के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने रविवार देर रात एक बैठक की। इस दौरान सीजफायर के बाद की कार्रवाई पर चर्चा हुई। युद्धविराम खत्म होने के बाद इजराइली सेना दोबारा गाजा पर हमले करेगी। बैटल प्लान तैयार हो गया है। इसके अप्रूवल पर बैठक में चर्चा हुई।
वहीं, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बार फिर दोहराया कि इजराइल हमास के खात्मे तक नहीं रुकेगा। 26 नवंबर को गाजा पहुंचे नेतन्याहू ने सैनिकों से कहा- जंग में हमारे तीन लक्ष्य हैं। पहला- हमास का खात्मा, दूसरा- बंधकों की वापसी और तीसरा- यह सुनिश्चित करना कि गाजा फिर से इजराइल के लिए खतरा न बने।
इधर, हमास ने दूसरे बैच में 13 साल की हिला रोटेम शोशानी को आजाद किया। इजराइल पहुंचकर हिला ने कहा- मुझे और मां को साथ में बंधक बनाया गया, लेकिन रिहाई से दो दिन पहले हमें अलग कर दिया गया। मां हर समय साथ थीं, लेकिन घर वापसी से पहले हमास ने मां को रोक लिया। मुझे छोड़ दिया।
अमेरिकी स्टेट वर्मोंट के बर्लिंगटन शहर में 3 फिलिस्तीनी स्टूडेंट्स पर फायरिंग हुई। तीनों वेस्ट बैंक के रहने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक हिशाम अवतानी ब्राउन यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं। किन्नान अब्देल हामिद हैवरफोर्ड यूनिवर्सिटी और तहसीन अहमद ट्रिनिटी कॉलेज में पढ़ते हैं।
तीनों वेस्ट बैंक के द रामल्ला फ्रेंड्स स्कूल में साथ में पढ़ते थे। स्कूल ने ही तीनों को गोली लगने वाली खबर दी। स्टूडेंट्स के परिजन इस घटना को हेट क्राइम बता रहे हैं। इस मामले में अमेरिकी पुलिस ने कोई बयान जारी नहीं किया है।
पाकिस्तान के लाहौर और कराची में इजराइल के खिलाफ और फिलिस्तीनी लोगों के सपोर्ट में रैली निकाली गई। इस दौरान बच्चे और महिलाएं भी सड़कों पर इजराइल के खिलाफ नारे लगाते दिखीं। कई बच्चे हाथों में सफेद कपड़े लिए हुए थे जो शवों की तरह दिख रहे थे। इन पर लाल रंग भी लगा था। वहीं महिलाओं ने इजराइली झंडे वाले बैनर पकड़े थे। इन पर बायकॉट लिखा था। इजराइल का कहना है कि हमास गाजा को दी जाने वाली मदद रोक रहा है। कोऑर्डिनेटर ऑफ गवर्नमेंट एक्टिविटीज इन द टेरिटरी (COGAT) ने X पर लिखा- हमास ने चेकपॉइंट बनाकर जरूरी सामान लेकर नॉर्थ गाजा जा रहे ट्रकों की एंट्री रोकी है। गाजा के लोग हमास के लिए अहमियत नहीं रखते हैं।
इजराइल की तरफ से यह बात ऐसे समय कही जा रही है जब हमास ने उस पर सीजफायर की शर्तें नहीं मानने का आरोप लगाया है। 25 नवंबर को आरोप लगाते हुए हमास ने कहा था कि इजराइल जरूरत का सामान लेकर पहुंचे ट्रकों को गाजा में एंट्री दे। साथ ही गोलीबारी रोके। सीजफायर के बावजूद पिछले 24 घंटे में वेस्ट बैंक में हुई इजराइली रेड में 6 फिलिस्तीनी मारे गए।
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।