इजराइल और हमास की जंग का आज 26वां दिन है। इस बीच मंगलवार रात इजराइल ने उत्तरी गाजा में सबसे बड़े जबालिया रिफ्यूजी कैंप को निशाना बनाया। इजराइली सेना ने दावा किया कि उसने इस हमले में हमास के एक सीनियर कमांडर इब्राहिम बियारी सहित 50 लड़ाकों को मार गिराया है।
वहीं हमास के कंट्रोल वाली गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा कि इजराइली हमलों में दर्जनों की मौत हो गई है, तो वहीं सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। इजराइली सेना ने बताया कि इस दौरान उनके 2 सैनिकों ने भी जान गंवाई। दूसरी तरफ मिस्र ने कहा कि वो घायल फिलिस्तीनियों को भी राफा बॉर्डर को पार करने की इजाजत देगा, जिससे उनको सही इलाज मिल सके।
इजराइली हमलों के बीच गाजा में फिर से कम्यूनिकेशन और इंटरनेट सेवाएं ठप हो गई हैं। इससे गाजा में 20 लाख से ज्यादा लोग दुनिया से कट गए हैं। वहीं यमन से मंगलवार को हूती विद्रोहियों ने भी इजराइल पर मिसाइल दागी। fजराइली सेना ने दावा किया है कि उसने एक मिसाइल और कुछ ड्रोन्स को हवा में ही मार गिराया। उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 3 नवंबर को फिर से इजराइल दौरे पर जाएंगे।
हूती के प्रवक्ता याह्या ने माना कि इजराइल के ऐलत शहर पर ड्रोन्स, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल दागी गई हैं। यह हमले गाजा के लोगों के सपोर्ट में किए गए हैं, क्योंकि अरब देश कमजोर हैं और इजराइल का छिपकर साथ दे रहे हैं।
हूती के प्रवक्ता ने आगे कहा- यमन की जनता चाहती है कि हम इजराइल पर हमले करें। ये हमले आगे भी होंगे। हम जानते हैं कि इजराइल के पास मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम है और उसने हमलों का नाकाम बना दिया, लेकिन ये हमले जल्द ही कामयाब भी होंगे।
हूती विद्रोहियों ने 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था। अब वो देश के बड़े हिस्से पर काबिज हैं। हूती ने कुछ दिन पहले कहा था कि वो हमास के साथ है और उसकी हर तरह से मदद करेगा।
दूसरी तरफ, इजराइली सेना ने बताया कि मंगलवार को लेबनान से भी एक जमीन से हवा में मारने करने वाली मिसाइल से हमला हुआ। जवाब में सेना ने मिसाइल लॉन्चिंग पैड पर कई हमले किए। दूसरी तरफ, इजराइल ने भरोसा दिलाया है कि वो हर रोज 100 ट्रकों को गाजा जाने की मंजूरी देगा, ताकि यहां के आम लोगों को राहत सामग्री मिल सके।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन मंगलवार को संसद की एक कमेटी के सामने पेश हुए। जब वो इजराइल-हमास जंग पर बयान दे रहे थे, तब कुछ लोगों ने उनका विरोध किया। ये लोग हाथ में पोस्टर लेकर आए थे। इन पर लिखा था कि इजराइली सेना गाजा में नरसंहार कर रही है और अमेरिका इसमें मदद कर रहा है।
दरअसल, ये दोनों मंत्री इसलिए पेश हुए, क्योंकि प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने संसद से 105 अरब डॉलर का इमरजेंसी बजट जारी करने की मांग की है। इससे वो यूक्रेन और इजराइल की मदद करना चाहते हैं। एक हिस्सा अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर के विकास पर भी खर्च किया जाना है। अमेरिकी संसद इस बजट को पास करने से पहले बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन से सख्त सवाल करना चाहती है।
इजिप्ट सरकार ने मंगलवार को एक बयान जारी किया। कहा- गाजा में जो हालात हैं, वो बद से बदतर हो चुके हैं। अब दुनिया को हर हाल में सीजफायर कराना होगा। प्रधानमंत्री मुस्तफा मेदबाउली ने राफा बॉर्डर का दौरा किया है।
बयान के मुताबिक हम हर स्तर पर दुनिया के बाकी देशों से संपर्क कर रहे हैं, ताकि हालात सुधारे जा सकें और रिफ्यूजी क्राइसिस बड़ा न हो। प्रेसिडेंट अब्देल फतेह अल सीसी व्यक्तिगत स्तर पर कोशिशें कर रहे हैं। इस मसले का हल यही है कि इजराइल और फिलिस्तीन पूरी तरह अलग देश बनें।
ईरान के फॉरेन मिनिस्टर हुसैन आमिर बुधवार को तुर्किये जा रहे हैं। इस दौरान वो कई मीटिंग्स में हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि वो प्रेसिडेंट रिसेप तैयप एर्दोगन से भी मुलाकात कर सकते हैं। तुर्किये ने साफ कर दिया है कि इजराइल ने अगर गाजा पर हमले बंद नहीं किए तो इसके नतीजे गंभीर होंगे।
इजराइली सेना ने सोमवार रात हमास के 300 ठिकानों को निशाना बनाया था। एंटी-टैंक मिसाइल और रॉकेट लॉन्चिंग साइट्स, मिलिट्री कम्पाउंड और अंडरग्राउंड सुरंगों को तबाह कर दिया। सेना ने सुरंगों में मौजूद हमास के लड़ाकों पर हमला किया। इस दौरान हमास के कई मेंबर्स मारे गए। इजराइली सेना ने दावा किया कि उसने हमास के सीनियर लीडर नसीम अबु अजीना को भी मार गिराया है। अबु अजीना 7 अक्टूबर को इजराइल के 2 शहर एरेज और नेतिव हासारा पर हमले का मास्टरमाइंड था।
गाजा सिटी में रह रहे लोगों को फोन पर शहर खाली करने की चेतावनी दी जा रही है। पत्रकार युम्ना अल सईद ने कहा- मेरे परिवार को इजराइली सेना की तरफ से एक फोन आया। इसमें कहा गया कि फौरन गाजा छोड़ दें।
इसके पहले सेना ने आसमान से पर्चे गिराए थे। इन पर लिखा था- हमास के हमलों की वजह से इजराइली सेना जवाब दे रही है। जिन इमारतों में हमास काम कर रहा है, उन्हें तबाह कर दिया जाएगा।
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।