इजराइल और हमास की जंग को एक महीने से ज्यादा हो चुका है। इजराइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) गाजा पर लगातार हमले कर रहीं हैं। रविवार को इजराइली एयरफोर्स ने यूनाईटेड नेशन्स यानी UN के एक कंपाउंड पर हवाई हमला किया।
UN ने एक बयान में कहा- गाजा में हमारी फैसेलिटी पर हमला हुआ है। इसमें कई लोग मारे गए हैं। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। ये सभी फिलिस्तीनी रिफ्यूजी थे, जिन्होंने यहां पनाह ली थी। इजराइल ने अब तक इस बारे में कोई रिएक्शन नहीं दिया है।
हमास के कब्जे में 200 से ज्यादा बंधक हैं। इनके परिवारों और हजारों आम लोगों ने तेल अवीव में प्रदर्शन किया। इनका कहना है कि सरकार सबसे पहले बंधकों को छुड़ाने के लिए हर मुमकिन कदम उठाए।
शनिवार रात हुए प्रदर्शन में लोगों ने बंधकों के पोस्टर हाथ में ले रखे थे। 7 अक्टूबर को हमास के हमले में 1200 लोग मारे गए थे। इसके अलावा करीब 200 लोगों को हमास ने बंधक बना लिया था। इनमें कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
इजराइल और हमास जंग के बीच भारत ने फिलिस्तीन में इजराइली कब्जे के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया है।गुरुवार को UN में एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें फिलिस्तीन के ईस्ट यरूशलम, सीरियाई गोलन समेत फिलिस्तीनी इलाकों पर इजराइली कब्जे की निंदा की गई थी।
इस प्रस्ताव के पक्ष में भारत समेत 145 देशों ने वोट किया। 7 देशों ने इसके खिलाफ तो वहीं 18 देश वोटिंग से दूर रहे। शनिवार को इजराइली PM नेतन्याहू ने साफ कर दिया कि फिलिस्तीनी अथॉरिटी को गाजा नहीं सौंपेंगे। गाजा पर हमारी सेना का ही कंट्रोल होगा। यहां सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमें अंतरराष्ट्रीय ताकतों पर विश्
नेतन्याहू ने रक्षा मंत्री योव गैलेंट के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इजराइल हमास को मिटाकर रहेगा, फिर चाहे इसके लिए हमें दुनिया के खिलाफ ही क्यों न जाना पड़े। सेना के खिलाफ कोई भी झूठे दावे, या प्रेशर हमें ऐसा करने से रोक नहीं सकता। इस जंग के बाद गाजा की तरफ से इजराइल को कोई खतरा नहीं होगा।’
दूसरी तरफ, सऊदी अरब और ईरान ने शनिवार को साथ आकर गाजा में सीजफायर की मांग की। दशकों बाद ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी जंग पर बातचीत के लिए सऊदी की राजधानी रियाद पहुंचे। यहां सीजफायर से जुड़ी एक बैठक में अरब देशों ने इजराइल पर हथियारों को लेकर प्रतिबंध लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति के लिए फिलिस्तीनी मुद्दे को हल करना बेहद जरूरी है।
ईरान के राष्ट्रपति रईसी ने बैठक के दौरान इजराइली सेना को आतंकवादी संगठन करार दिया। इसके अलावा अरब देशों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि इजराइल फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ आतंक फैला रहा है। हालांकि, सभी अरब देश उस प्रस्ताव के समर्थन में नहीं आए जिसमें इजराइल पर दबाव बनाने के लिए उसे तेल सप्लाई बंद करने की बात कही गई थी।
वहीं इजराइली सेना ने दावा किया है कि उसने नॉर्थ गाजा में हमास के कंट्रोल को खत्म कर दिया है। अब सेना अल-शिफा अस्पताल से बच्चों को निकालने में मदद करेगी। IDF ने कहा- अल-शिफा अस्पताल पर कोई फायरिंग नहीं हुई और न ही इसके पास किसी जगह पर कब्जा किया गया है। हॉस्पिटल अब भी खुला है।
इस बीच सेना ने शनिवार रात कहा कि उसने गाजा पर करीब 5 हजार एयर स्ट्राइक की हैं और ये रियल टाइम थ्रेट (खतरे) को देखते हुए की गईं। दूसरी तरफ, लेबनान बॉर्डर पर हालात खतरनाक होते जा रहे हैं। यहां लगातार अलर्ट सायरन बज रहे हैं। हिजबुल्लाह चीफ ने कहा है कि अगर इजराइल के हमले रोकने हैं तो अमेरिका पर दबाव बनाना जरूरी है।
इजराइली फौज ने कहा- गाजा पर अब तक करीब 5 हजार एयरस्ट्राइक की गई हैं। हमारी ग्राउंड फोर्सेस ने गाजा में रियर टाइम थ्रेट्स को देखते हुए एयरफोर्स से टारगेट हिट करने को कहा। 3300 एयरस्ट्राइक फाइटर जेट्स, 860 कॉम्बेट हेलिकॉप्टर्स और 570 अटैक ड्रोन्स से की गईं।
हिजबुल्लाह आतंकी संगठन के सरगना हसन नसरल्लाह ने शनिवार को एक अहम बयान दिया। उसने कहा- इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन और निंदा से कुछ नहीं होगा। अगर गाजा पर हमले रोकना है तो अमेरिका पर दबाव बनाना होगा। अमेरिका ही वो ताकत है जो इजराइल के हमले बंद करा सकता है।
उसने आगे कहा- हम देख रहे हैं कि वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क, लंदन और पेरिस में लगातार इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। अब वक्त आ गया है जब पश्चिमी देश सीजफायर के लिए दबाव बनाएं। उन्होंने शुरुआत में हमास के हमलों की निंदा की थी।
लेबनान और इजराइल बॉर्डर से सटे काबरी इलाके में शनिवार को दिनभर अलर्ट सायरन बजते रहे। काबरी के आसपास नेवेज जिव, मनोत और एवडॉन शहर भी हैं। इसके पहले भी यहां अलर्ट सायरन बजते रहे हैं। यह सिलसिला जंग शुरू होने के बाद और तेज हो गया है।
ये अलर्ट सायरन इसलिए ज्यादा तेज हो गए हैं, क्योंकि खुफिया जानकारी मिली है कि लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह किसी बड़े हमले की साजिश रच रहा है। अगर वहां से कोई हरकत हुई तो हमारी सेना बिना देर किए जबरदस्त जवाब देने को तैयार है। वहां से लगातार ड्रोन हमलों की कोशिश भी हो रही है।
गाजा में इजराइल का जमीनी ऑपरेशन जारी है। इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO के चीफ ने UNSC को बताया है कि इजराइली बमबारी से गाजा में हर दस मिनट में एक बच्चे की मौत हो रही है। जंग में अब तक गाजा के 11 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। मरने वालों में 4506 बच्चे हैं।
इजराइल ने 7 अक्टूबर को हमास के हमले में मरने वाले लोगों की संख्या घटा दी है। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पहले 1400 लोगों के मारे जाने की जानकारी थी, लेकिन ये संख्या 1200 है।
गाजा में इजराइली बमबारी से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत, अमेरिका समेत कई देश इजराइल पर गाजा में बमबारी रोकने का दबाव बना रहे हैं। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा है कि अब बातों की नहीं, एक्शन की जरूरत है। गाजा में हो रही हत्याओं के खिलाफ सभी मुस्लिम देशों को साथ आना चाहिए।
इजराइली सेना ने पहले तो गाजा के अल शिफा अस्पताल के पास स्ट्राइक की। इसके बाद 3 अस्पतालों को चारों तरफ से घेर लिया है। मरीज और स्टाफ अस्पताल में बंद हैं, जबकि बाहर इजराइल और हमास लड़ाकों के बीच मुठभेड़ हुई।
अल शिफा अस्पताल के पास हुए धमाके में 13 लोगों की जान चली गई। इजराइली सेना ने जिन 3 अस्पतालों को घेरा है उनमें अल शिफा, अल कुद्स और इंडोनेशिया हॉस्पिटल शामिल हैं।
इजराइल की डिफेंस फोर्सेज ने दावा किया है कि इन अस्पतालों के नीचे हमास के कमांड सेंटर हैं। इजराइल ने कहा है कि अल शिफा अस्पताल के नीचे हमास इंटेलिजेंस का मेन क्वार्टर है। वो इसी पर बमबारी कर रहे हैं। वहीं, हमास ने इजराइल पर बेगुनाह लोगों की जान लेने का आरोप लगाया है
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा है कि वो जंग के बाद गाजा की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं। दरअसल, इजराइल के बनने के बाद फिलिस्तीनी अरबों की आबादी केवल 2 हिस्सों में रह गई। वेस्ट बैंक और गाजा।
वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी अथॉरिटी का कब्जा रहा है और गाजा में हमास ने शासन किया है। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि वो गाजा पर कब्जा नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि हम गाजा को बेहतर भविष्य देंगे।