इजरायल ने रूस के हमीम एयर बेस पर किया हमला

इस समय पूरी दुनिया में तबाही का मंजर है. ऐसे में ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध के बीच इजरायल ने रूसी सेना पर हमला कर दिया, जो सीरिया के हमीमिम एयरबेस पर तैनात थे।

ये सभी रूसी सैनिक पश्चिमी सीरियाई तट पर जाबलेह के पास ठहरे हुए थे. इजरायल के इस हमले का क्षेत्रीय और वैश्विक कूटनीति दोनों पर खास असर पड़ सकता है. यह सीरिया में ईरान समर्थित बलों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के इजरायल के व्यापक अभियान का हिस्सा है .

रिपोर्ट के अनुसार, 3 अक्टूबर 2024 की सुबह हमीमिम एयर बेस के आसपास के क्षेत्रों में दोनों तरह से ड्रोन और मिसाइल से हमला किया गया. सीरियाई और रूसी दोनों देशों की वायु रक्षा प्रणाली सक्रिय थी इसके बावजूद हमलों को रोका नहीं जा सका.इस हमले से बेस की सुरक्षा में तैनात सैनिकों की मुश्किलें बढ़ गई है. जानकारी के अनुसार, उन्नत एस-400 और पैंटिर-एस सिस्टम में कुछ कमी के कारण वे उस हमले को रोकने में सफल नहीं हो सके .दरअसल, हमीमिम एयर बेस सीरिया में रूस के सैनिकों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है, ये सीरिया के वायु रक्षा प्रणालियों को मजबूत करते है. साथ ही वो सीरिया के वायु सैनकों की सुरक्षा करते है. इज़राइल के सेना का मुख्य उद्देश्य ईरानी समर्थित मिलिशिया के प्रभाव को रोकना और सीरिया में सक्रिय हिज़्बुल्लाह और अन्य समूहों के हथियारों के आदान-प्रदान को रोकना है. इजरायल ने सीरिया और पड़ोसी देशों में हवाई हमले किए. इजरायल के पास हमीमिम पर हमले के कई व्यापक सुबूत है. जानकारों का मानना है कि इस हमले के बाद इज़राइल और रूस के बीच तनाव बढ़ा सकता है.

बता दें , दोनों देश अलग-अलग हितों के साथ सीरिया में अपनी सेना के साथ मौजूद है. चूंकि इजरायल ईरान के प्रभाव को कम करने का प्रयास कर रहा है, इसलिए सीरियाई सरकार के साथ रूस के अच्छे संबंध तथा उनके क्षेत्र में रूसी सैनिकों की तैनाती से और अधिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं. दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेना मानी जाने वाली रूसी वायुसेना की यह विफलता एक बड़ा सवाल खड़ा करती है .