वेस्टइंडीज के खिलाफ 5 मैचों की टी-20 सीरीज का दूसरा मुकाबला भी भारत के लिए निराशाजनक रहा। इसमें टीम इंडिया को 2 विकेट से हार झेलनी पड़ी। मैच के दौरान कई रोमांचक संघर्ष देखने को मिले, कुछ कैरेबियंस के पक्ष में गए, तो कुछ भारतीयों के।
गुयाना में खेले गए मुकाबले की पहली बॉल पर भारत के ओपनर ईशान किशन को जीवनदान मिला, जबकि भारतीय गेंदबाज पंड्या ने वेस्टइंडीज पारी की पहली बॉल पर विकेट चटकाया। सूर्या का रनआउट, किशन की स्टंपिंग और मैकॉय का कैच ड्रॉप भी चर्चा में रहे।
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। वेस्टइंडीज के कप्तान रोवमैन पॉवेल ने औबेड मैकॉय को बॉल थमाई। स्ट्राइक पर थे भारतीय ओपनर ईशान किशन। मैकॉय ने पहली ही गेंद लो-फुल टॉस बॉल फेंकी। ईशान आगे बढ़े और ऑफ साइड में हवा में ड्राइव किया।बॉल कप्तान रोवमन पॉवेल के पास पहुंची, लेकिन वे कैच लेने में नाकाम रहे। हालांकि, ईशान इस जीवनदान का कोई बड़ा फायदा नहीं उठा सके और 23 बॉल में 27 रन बनाकर आउट हुए।
भारत की पारी के चौथे ओवर के दौरान ईशान किशन ने औबेड मैकॉय की गेंद पर तेजी से सिंगल चुराने की कोशिश की। उन्होंने मिड-विकेट की ओर शॉट खेला, जहां तैनात काइल मायर्स ने तुरंत गेंद को उठाया और स्टंप्स पर थ्रो मारा। मेयर्स की गेंद सीधे स्टंप पर लगी और डाइव लगाने के बावजूद सूर्यकुमार यादव खुद को बचा नहीं सके। यादव का विकेट भारत को दूसरा झटका दे गया।
पावरप्ले के ठीक बाद 7वें ओवर में युजवेंद्र चहल गेंदबाजी कर रहे थे। उन्होंने लेग स्टंप के बाहर वाइड के साथ ओवर की शुरुआत की। कैरेबियन कप्तान रोवमन पॉवेल ने लेग ग्लांस खेलने की कोशिश की, लेकिन बॉल से संपर्क बनाने में असफल रहे।
ऐसा करते हुए वे असंतुलित हो रहे थे। आमतौर पर खिलाड़ी ऐसा शॉट खेलने के बाद अपना संतुलन ठीक करने के लिए अपना पिछला पैर उठा लेते हैं। यह नैचुरल है।
वेस्टइंडीज के कप्तान से कुछ इसी तरह की उम्मीद करते हुए, ईशान किशन ने धैर्यपूर्वक पिछला पैर उठाने का इंतजार किया, ताकि जब वे पैर उठाएं तो वे स्टंप कर सकें। पॉवेल ने पैर उठाया भी, लेकिन किशन के स्टंप करने से पहले ही उसे क्रीज मे रख दिया। कुछ सोशल फैंस किशन के इस रवैए को गलत ठहरा रहे हैं, तो कुछ सपोर्ट भी कर रहे हैं। हालांकि, नियमों के तहत किशन बिल्कुल सही थे। अगर बॉल स्टंप पर लगते समय पॉवेल का पैर हवा में होता तो वे आउट ही करार दिए जाते।