टीम सलेक्शन के बाद जिस खिलाड़ी की सबसे अधिक चर्चा, उसकी प्लेइंग 11 में जगह मुश्किल ?

बांग्लादेश से होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम के ऐलान के बाद सबसे अधिक चर्चा यश दयाल की है. 16 सदस्यीय भारतीय टीम में यह एकमात्र नाम है, जिसके चुने जाने से क्रिकेटफैंस हैरान हुए. इसके बाद से यश दयाल की कमबैक स्टोरी इंटरनेट पर तैरने लगीं. लेकिन यकीन मानिए 19 सितंबर से जब टेस्ट मैच खेला जाएगा, तो यश दयाल को प्लेइंग इलेवन में जगह मिलने की संभावना ना के बराबर है. आइए जानते हैं क्यों.

भारत और बांग्लादेश के बीच पहला टेस्ट मैच चेन्नई में होना है. यह भारतीय टीम का पसंदीदा मैदान भी रहा है. भारत ने चेन्नई में खेले गए पिछले 10 में से छह टेस्ट मैच जीते हैं और तीन ड्रॉ कराए हैं. इस दौरान सिर्फ एक ऐसा मुकाबला रहा, जिसमें भारत हारा. चेन्नई की पिच हमेशा से स्पिनरों की मददगार रही है. ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि भारतीय टीम इस मुकाबले में तीन स्पिनर और दो पेसर के साथ उतरे. इस कॉम्बिनेशन में यश दयाल की प्लेइंग इलेवन में जगह मुश्किल से बनती है.

भारतीय गेंदबाजी की बात करें तो बांग्लादेश सीरीज के लिए 3 स्पिन ऑलराउंडर, एक स्पेशलिस्ट स्पिनर और 3 तेज गेंदबाज चुने गए हैं. स्पिन ऑलराउंडर में रविचंद्रन अश्विन का खेलना तय है. अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव में से कोई दो खेलेंगे. वैसे चेन्नई की स्पिन पिच पर अगर ये चारों स्पिनर खेलें तो बहुत हैरानी नहीं होनी चाहिए. हालांकि, इसकी संभावना कम है. पिछले सात-आठ साल से भारत तेज गेंदबाजों को पर्याप्त महत्व देता रहा है. ऐसे में वह 4 स्पिनर और एक पेसर के साथ नहीं जाएगा.

अगर भारत 3 स्पिनर और 2 पेसर के साथ ही जाता है तो टीम में यश दयाल से पहले जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की दावेदारी बनेगी. पहले कहा जा रहा था कि बुमराह को इस सीरीज में रेस्ट दिया जा सकता है. ऐसा नहीं हुआ. बुमराह टीम में हैं और कोई कारण नहीं बनता कि उन्हें बेंच में बैठाया जाए. वे खेलेंगे. मोहम्मद सिराज के साथ भी ऐसा ही है. भारतीय टीम तकरीबन छह महीने बाद पहला टेस्ट मैच खेल रही है और ऐसे में वह पूरी ताकत के साथ मैदान पर उतरना चाहेगी.

यश दयाल को प्लेइंग इलेवन में तभी मौका मिलेगा, जब भारत बांग्लादेश को कमजोर टीम मानकर प्रयोग करना चाहे. भारत को अगले चार महीने में 10 टेस्ट मैच खेलने हैं. संभव है कि टीम मैनेजमेंट कम से कम भारत में होने वाले टेस्ट मैच में बुमराह और सिराज दोनों को साथ ना खिलाए. वह एक सीनियर के साथ एक युवा गेंदबाज को आजमाना चाहे. सिर्फ ऐसा होने पर ही यश दयाल को प्लेइंग इलेवन में जगह मिलेगहालांकि यह टेस्ट विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा नहीं है, लेकिन यह आईसीसी से संबद्ध है. ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा चलाये जा रहे इस स्टेडियम ने 2016 में गुलाबी गेंद के दलीप ट्रॉफी मैच की मेजबानी की थी. हालांकि कॉरपोरेट मैचों के दौरान मैच फिक्सिंग के कारण सितंबर 2017 में बीसीसीआई ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था. तब से यहां बीसीसीआई से संबद्ध कोई भी मैच आयोजित नहीं किया गया है.

स्टेडियम पहले अफगानिस्तान के लिए घरेलू मैदान के रूप में काम कर चुका है. हालांकि यह स्टेडियम उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के अंतर्गत नहीं आता है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला इस मामले को सुलझा पाते हैं या नहीं.