ईरान ने गुरुवार को ओमान की खाड़ी में एक कॉमर्शियल जहाज पर कब्जा कर लिया। अमेरिका की नेवी के प्रवक्ता ने मुताबिक, जहाज के तस्करी में शामिल होने की आशंका है। उन्होंने बताया की नेवी ने पूरे घटनाक्रम को मॉनीटर करने के बाद कोई एक्शन नहीं लेने का फैसला किया।
ब्रिटेन की मैरीटाइम सिक्योरिटी कंपनी ने कहा कि उसे साऊदी अरब के दम्मम पोर्ट के पास एक तंजानिया झंडे वाले जहाज के जब्त होने की सूचना मिली थी। कंपनी ने बताया कि ईरान अक्सर ऐसे कॉमर्शियल जहाज पकड़ता रहता है जिसमें तेल की तस्करी की आशंका होती है।
इससे पहले बुधवार को US नेवी ने दावा किया था कि उसने ईरान को 2 कॉमर्शियल तेल के टैंकर रिचमंड वॉयेजर को जब्त करने से रोका। रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिकी नेवी ने बताया कि बाहमास के झंडे वाले 2 टैंकर गल्फ ऑफ ओमान से गुजर रहे थे। तभी ईरान की नेवी वेसल ने उस पर हमला कर दिया।
US नेवी ने बताया कि उसे रिचमंड वॉयेजर से एक डिस्ट्रेस कॉल मिली थी। इसके बाद उसने अपने डिस्ट्रॉयर USS मेकहॉल को वहां भेजा, जिसे देखते ही ईरान का वेसल ने अपना रास्ता बदल दिया। वहीं ईरान के मुताबिक, उसे कोर्ट से टैंकर को जब्त करने के ऑर्डर मिले थे। ईरान ने दावा किया कि ओमान की खाड़ी में एक टैंकर उनके वेसल से टकरा गया था। इस वजह से वेसल में सवार 5 क्रू मेंबर्स घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें उसे जब्त करने का आदेश मिला था।
इस तस्वीर में तेल टैंकर पर ईरान का मिलिट्री हेलिकॉप्टर नजर आ रहा है। ईरान की आर्मी ने एक वीडियो जारी कर टैंकर जब्त करने की सूचना दी थी।
इस तस्वीर में तेल टैंकर पर ईरान का मिलिट्री हेलिकॉप्टर नजर आ रहा है। ईरान की आर्मी ने एक वीडियो जारी कर टैंकर जब्त करने की सूचना दी थी।
अप्रैल में ईरान ने भारतीय क्रू मेंबर्स वाले टैंकर को जब्त किया था
इससे पहले 27 अप्रैल को भी ईरान ने अमेरिका की तरफ जा रहे एक तेल टैंकर को ओमान की खाड़ी में जब्त कर लिया था। टैंकर पर मार्शल आइलैंड का झंडा लगा हुआ था। न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, इस टैंकर में सवार 24 क्रू मेंबर्स भारतीय थे। मरीन ट्रैफिक डॉट कॉम ने बताया कि ये टैंकर कुवैत से अमेरिका के ह्यूस्टन जा रहा था।
ईरान की आर्मी ने कहा था कि उन्होंने टैंकर को जब्त किया, क्योंकि टैंकर इंटरनेशनल वॉटर में एक ईरानी नाव से टकरा गया था। इससे कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने मार्शल आइलैंड के एक तेल टैंकर स्वेज राजन को जब्त कर लिया था। शिप ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक, इस टैंकर की आखिरी लोकेशन अफ्रीका के साउथ में 22 अप्रैल को मिली थी, जिसके बाद से टैंकर लापता है।
इससे पहले पिछले साल अप्रैल में भी अमेरिका ने रूसी झंडे वाले ईरान के एक तेल कार्गो को ग्रीस के पास पकड़ने की कोशिश की थी। ये देखते हुए ईरान ने मई में ग्रीस के 2 टैंकरों को जब्त कर लिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने दोनों टैंकर छोड़ दिए थे।
अमेरिका ने 2020 में भी वेनेजुएला जा रहे विदेशी जहाजों पर से ईरानी ईंधन के 4 कार्गों को जब्त कर लिया था। इसके बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कुछ फॉरेन पार्टनर्स की मदद से ईंधन को 2 जहाजों पर ट्रांसफर किया और इन्हें अमेरिका पहुंचाया गया था। इसी के बाद से अंतरराष्ट्रीय वॉटर में अमेरिका और ईरान की तरफ से लगातार कॉमर्शियल जहाजों पर कार्रवाई की जाती रही है।
दूसरी तरफ, अमेरिका और ईरान के बीच न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर भी तनाव लगातार बढ़ रहा है। ईरान का कहना है कि वो अपने देश की जनता के लिए न्यूक्लियर प्रोग्राम पर काम कर रहे हैं। हालांकि, अमेरिका का मानना है कि ईरान परमाणु बम बनाने की तैयारी में है।