ईरान ने शुक्रवार देर रात पाकिस्तान में सुन्नी आतंकी संगठन ‘जैश-अल-अदल’ के ठिकानों पर हमला किया। इसमें एक कमांडर समेत कई आतंकी मारे गए।
ईरानी मीडिया ‘ईरान इंटरनेशनल इंग्लिश’ ने ईरान के सरकारी मीडिया के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा- ईरान की सेना ने पाकिस्तान की सीमा में जैश-अल-अदल कमांडर इस्माइल शाहबख्श समेत कई आतंकियों को मार गिराया है। हालांकि, हमला पाकिस्तान के किस शहर में किया गया, इसकी जानकारी नहीं दी गई।
ईरान ने इसी तरह के हमला 16 जनवरी को भी किया था। तब ईरानी सेना ने बलूचिस्तान में मिसाइलें और ड्रोन्स से अटैक किया था। अगले ही दिन जवाब में पाकिस्तान ने ईरान में 48 किमी अंदर की एयरस्ट्राइक की थी। 4 दिन बाद यानी 20 जनवरी को दोनों देश तनाव घटाने पर राजी हो गए थे।
पाकिस्तान को 16 जनवरी को हुई ईरान की एयरस्ट्राइक के बारे में जानकारी दी गई थी। ईरान के लोकल मीडिया की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया- पाकिस्तानी सेना को ईरान की तरफ से 16 जनवरी को की गई एयरस्ट्राइक के बारे में पहले से सूचना दी गई थी। हालांकि, ईरान ने पाकिस्तान को यह नहीं बताया कि वो इस खबर को सार्वजनिक करेगा।
लोकल ईरानी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) से जुड़े एक टेलिग्राम चैनल के हवाले से लिखा- पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमले के लिए पाकिस्तानी सरकार के सहयोग की जरूरत थी।
ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हमला किया था। कहा था कि उसने पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों को निशाना बनाया था। इसके बाद ईरान के विदेश मंत्री अमीर अब्दोल्लाहियन ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी से फोन पर बात की थी।
उन्होंने कहा था- यह हमला सिर्फ आंतकी संगठन पर किया गया था। इस पर जिलानी ने कहा था कि किसी भी देश को इस तरह जोखिम वाले रास्ते पर नहीं चलना चाहिए। ईरान के हमले पर पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई का पूरा हक है।
ईरान तीसरा देश है, जिसने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की। ईरान से पहले अमेरिका ने 2011 और भारत ने सितंबर 2016 में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
PAK ने ईरान के खिलाफ ‘मार्ग बार सरमाचर’ ऑपरेशन चलाया था
ईरानी एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान एयरफोर्स ने 24 घंटे में ईरान पर हवाई हमले किए। पाकिस्तान ने ईरान में चलाए ऑपरेशन को ‘मार्ग बार सरमाचर’ नाम दिया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया था कि ऑपरेशन के तहत ईरान में बलूच लिबरेशन आर्मी के 7 ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। इस दौरान कई आतंकियों को मार गिराया गया। एयरस्ट्राइक ईरान की सीमा में 48 किलोमीटर अंदर घुसकर की गई थी। पाकिस्तान की फौज ने बताया था कि हमले के लिए किलर ड्रोन्स, रॉकेट, गोले बारूद और कई दूसरे हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।
ईरान एक शिया बहुल देश है, जबकि पाकिस्तान में करीब 95% लोग सुन्नी हैं। पाकिस्तान के सुन्नी संगठन ईरान का विरोध करते रहे हैं। इसके अलावा बलूचिस्तान का जैश अल अदल आतंकी संगठन ईरान की सीमा में घुसकर कई बार वहां की सेना पर हमले करता रहा है। ईरान की सेना को रिवॉल्यूशनरी गार्ड कहा जाता है।
ईरान सरकार कई बार पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने की वॉर्निंग दे चुकी है। 2015 में पाकिस्तान और ईरान के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे। तब ईरान के आठ सैनिक पाकिस्तान से ईरानी क्षेत्र में घुसे सुन्नी आतंकवादियों के साथ संघर्ष में मारे गए। यह आतंकी भी जैश अल अदल के थे।
तब ईरान सरकार ने कहा था- हमारी सीमा पर तैनात सैनिकों का पाकिस्तान से घुसे आतंकवादियों के साथ संघर्ष हुआ। हमारे आठ सैनिक शहीद हो गए। हम इस मामले में जवाबी कार्रवाई जरूर करेंगे।