द्रोणाचार्य अर्जुन के लिए एकलव्य का अंगूठा काटेंगे ही,इसलिए इस देश में समस्त चयन परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था ख़त्म हो।
यूपीएससी के कट ऑफ से साबित हो गया कि एससी, एसटी, ओबीसी रिटेन में अच्छा कर रहे हैं,लेकिन सवर्णों को इंटरव्यू में ज्यादा नंबर देकर उन्हें आगे कर दिया जा रहा है। प्रतिभाओं के प्रति अन्याय न हो और चयन परीक्षाओं की शुचिता बनी रहे,इसके लिए ज़रूरी है कि सभी प्रकार की चयन परीक्षाओं में साक्षात्कार समाप्त किया जाए।
साक्षात्कार अन्याय,बेईमानी और पक्षपात का सबसे बड़ा माध्यम है।
इस देश में जाति,वर्ण और पहुँच के आधार पर बेईमानी एक मानसिक बीमारी हो गई है। UPSC के परिणाम के विश्लेषण पर स्पष्ट हो जाता है। ज़रूरत है साक्षात्कार ख़त्म करके लिखित परीक्षा के माध्यम से ही समस्त मानसिक क्षमता का परीक्षण किया जाए।इस दिशा में पर्याप्त तकनीकी प्रगति हुई है और यह संभव है।
सत्ता में आने पर समस्त प्रकार की चयन परीक्षाओं में साक्षात्कार समाप्त किया जाएगा,यह सम्यक पार्टी के एजेंडे में शामिल है।