अफ्रीकी देश सूडान में लड़ाई के बीच इंटरनेट बंद कर दिया गया है। 72 घंटे की सीजफायर के बावजूद दोनों तरफ से हमले जारी हैं। इन सब के बीच वहां फंसे लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है। सऊदी अरब ने शनिवार देर रात सूडान में फंसे 158 लोगों को सुरक्षित निकाला। इनमें कई भारतीय भी शामिल हैं। वहीं, रविवार सुबह अमेरिका ने खार्तूम में स्थित अपनी एंबेसी के स्टाफ को सुरक्षित निकाल लिया।
सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने की सरकार की योजना के तहत भारत ने जेद्दाह में दो C-130J मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को स्टैंडबाय पर रखा है। भारतीय नौसेना का एक जहाज सूडान के एक प्रमुख बंदरगाह पर पहुंच गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सूडान में भारतीय दूतावास भी संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अमेरिका के साथ नियमित संपर्क में है।वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सभी संभव कोशिशें की जा रही हैं।
एंबेसी के 70 डिप्लोमैट्स और उनके परिवार को सुरक्षित निकालने के लिए मिलिट्री के एयरक्राफ्ट में एयरलिफ्ट किया गया। सूडान में तख्तापलट के लिए सेना और पैरामिलिट्री- रेपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच 9 दिन से लड़ाई जारी है। यहां 15 अप्रैल के बाद से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतें आ रही हैं। स्वास्थ्यकर्मी भी घायलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
सऊदी अरब ने भारत समेत पाकिस्तान, कुवैत, कतर, UAE, मिस्र, ट्यूनीशिया, बुल्गारिया, बांग्लादेश, फिलिपींस, कनाडा, बुर्किना फासो के नागरिकों को भी रेस्क्यू किया है।
अमेरिकी दूतावास बंद किया गया
एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी एंबेसी को फिलहाल के लिए बंद कर दिया गया है। यहां सभी काम रोक दिए गए हैं। सूडान में अमेरिकी दूतावास के काम दोबारा कब शुरू किए जाएंगे, इस बारे में भी नहीं बताया गया। वहीं, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 अप्रैल तक लड़ाई में 400 लोगों की मौत हो चुकी थी। करीब 3500 लोग घायल हुए थे।
इधर, भारतीयों की सुरक्षित वापसी को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 18 अप्रैल को सऊदी के फॉरेन मिनिस्टर फैसल बिन फरहान अल सऊद से बातचीत की थी। इसके बाद सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारतीयों के साथ ही 12 मित्र देशों के लोग, सूडान से सुरक्षित रूप से पहुंचे हैं।
सऊदी अरब ने जिन लोगों को सुरक्षित निकाला है, इनमें डिप्लोमैट्स और इंटरनेशनल ऑफिसर्स भी शामिल हैं। इनके साथ ही सऊदी अरब के 91 नागरिक भी स्वदेश पहुंचे हैं। निकाले गए भारतीयों की संख्या नहीं बताई गई है।
16 अप्रैल को एक भारतीय नागरिक अल्बर्ट ऑगस्टीन की मौत हुई थी। भारतीय मिशन ने ट्वीट कर बताया कि गोली लगने से अल्बर्ट की मौत हो गई। वो सूडान में डल ग्रुप कंपनी के लिए काम करते थे। भारत सरकार पहले ही सूडान में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर चुकी है। उन्हें घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। वहीं, 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग करते हुए सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए इमरजेंसी प्लान तैयार रखने की बात कही।
इस लड़ाई का केंद्र बनी राजधानी खार्तूम में भारत के करीब डेढ़ हजार नागरिक भी फंसे हुए हैं। वहीं, सूडानी शहर अल-फशेर में कर्नाटक के हक्की-पिक्की आदिवासी समुदाय के 31 लोग फंसे हैं। ये लोग आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी बेचने के लिए सूडान गए थे। इनमें से 19 लोग कर्नाटक के हुनसूर, 7 शिवामोगा और 5 लोग चन्नागिरी के रहने वाले हैं।
सूडान में फंसे भारतीयों में से एक एस. प्रभू ने मंगलवार को इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बात की थी। उसने बताया था कि हम पिछले 4-5 दिनों से एक किराए के मकान में फंसे हुए हैं। हमारे पास खाना या पीने के लिए कुछ भी नहीं है। बाहर से लगातार धमाकों की आवाज आ रही है। यहां कोई हमारी मदद करने को तैयार नहीं है।