ब्रिटेन में 9% महंगाई बढ़ने के कारण विदेशों में पढ़ाने वाले छात्रों के सामने लिविंग क्राइसिस तेजी से बढ़ रहा हैं। ये छात्र किराया नहीं दे पा रहे हैं। जो छात्र अपने रिश्तेदारों के घर पर रह रहे थे, बढ़ती महंगाई के कारण उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। ऐसे में कुछ छात्र सड़क पर सोने को मजबूर हैं।
कोई अपने दोस्तों के यहां जाकर रह रहा है तो कोई पार्ट टाइम जॉब तलाश रहा है ताकि वह भी अपने लिए बेहतर घर की तलाश कर सके। करीब 12% छात्र ऐसे है जिनके पास कोई छत नहीं है। 5.3% ड्रॉप आउट और हाल ही में पासआउट हुए छात्र भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। यह खुलासा हायर एजुकेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट (हेपी) में पब्लिश हुए नेशनल यूनियन ऑफ स्टुडेंट इन स्कॉटलैंड के सर्वे में हुआ है।
इस गर्मी में सबसे ज्यादा परेशानी यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए शहरों में रह रहे विदेशी छात्रों को हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस साल महंगाई बढ़ने के कारण छात्रों के लिए रहने के साथ-साथ भोजन और बिजली के बढ़े हुए दाम परेशानी का कारण बने हुए हैं।
कई यूनिवर्सिटी के छात्रों को यह परेशानी है, लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से कोई उचित व्यवस्था इन छात्रों के लिए नहीं की जा रही हैं। लिहाजा छात्रों को पढ़ाई के अलावा अपना अतिरिक्त खर्च के लिए ज्यादा तनाव का सामना करना पड़ रहा हैं। लंदन मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी के प्रो. पेट्रिक मुलरेनन का कहना है कि सरकार को इन संघर्षरत छात्रों की अतिरिक्त सहायता पर विचार करना चाहिए।