सीआईआई की ओर से आयोजित औद्योगिक सुरक्षा कांफ्रेंस को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उद्योग किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसे में कर्मचारी कल्याण के लिए औद्योगिक सुरक्षा जरूरी है। इस दृष्टि से औद्योगिक सुरक्षा अत्यधिक महत्वपूर्ण विषय बनता है। खास तौर से पेट्रोकेमिकल, माइनिंग, बायलर तथा संवेदनशील उद्योगों के परिपेक्ष में यह और भी जरूरी है। भोपाल गैस त्रासदी का उदाहरण देते हुए कहा कि औद्योगिक इकाइयों में कर्मचारियों को सुरक्षा प्रशिक्षण लगातार देना चाहिए ताकि दोबारा मानव त्रासदी से बचा जा सके। श्रम मंत्री ने उद्योगपतियों से मौजूदा औद्योगिक सुरक्षा मापदंड को बेहतर बनाने के लिए वैश्विक मानकों पर सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक सुरक्षा को मात्र एक ढांचे के रूप में नहीं बल्कि कर्मचारी कल्याण के रूप में देखना चाहिए।
सीआईआई उप्र के अध्यक्ष सीपी गुप्ता ने बताया कि एक शोध के अनुसार देश में करीब 48 हजार कर्मचारी प्रति वर्ष औद्योगिक दुर्घटना के शिकार होते हैं। जिसमें से 10 हजार श्रमिक निर्माण क्षेत्र से होते हैं। उपाध्यक्ष विनम्र अग्रवाल ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से संबंधित चुनौतियों को भी ध्यान में रखकर काम करना होगा।