आतंकियों का पनाहगार पाकिस्तान दुनियाभर में अलग-अलग थलग पड़ गया। अब पाकिस्तान के दोस्त मुस्मिल देश भी उसके दुश्मन बनते जा रहे हैं। सऊदी अरब और यूएई ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। अब इस बीच फ्रांस ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका दिया है।
फ्रांस ने पाकिस्तान की किसी भी तरह की सहायता करने से मना कर दिया है। पाकिस्तान ने अपने मिराज फाइटर जेट, एयर डिफेंस सिस्टम और अगोस्टा 90B पनडुब्बियों को अपग्रेड करने के लिए फ्रांस से मदद मांगी थी, लेकिन फ्रांस ने पाकिस्तान की इस अपील को ठुकरा दिया है।
जानकारों के मुताबिक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों को लेकर आलोचना की थी और फ्रांस के खिलाफ जहर उगला था। इसके कारण से ही फ्रांस ने ये कदम उठाया है।
इसके साथ ही फ्रांस ने कतर से भी कहा है कि पाकिस्तानी मूल के टेक्नीशियन्स को अपने फाइटर जेट पर काम ना करने दें, क्योंकि वे फाइटर की तकनीकी जानकारी चुराकर पाकिस्तान को दे सकते हैं। पाकिस्तान पहले भी संवेदनशील जानकारियां चीन के साथ शेयर किया है।
पाकिस्तानी शरणार्थियों के अनुरोध को लेकर भी फ्रांस ने कड़ी समीक्षा शुरू कर दी है। पाकिस्तानी मूल का अली हसन ने सितंबर महीने में शार्ली हेब्दो फ्रांसीसी मैगजीन के पुराने दफ्तर के बाहर दो लोगों पर हमला किया था। हमलावर के पिता पाकिस्तान में रहते हैं। उसके पिता ने कहा था उसके बेटे ने बहुत बहुदारी वाला काम किया और वह इस हमले से बहुत खुश हैं। शार्ली हेब्दो मैगजीन ने ही पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छापे थे।
जर्मनी ने भी पाकिस्तान को दिया झटका
इससे पहले जर्मनी की चांसलर एजेंला मार्केल ने पाकिस्तान की अपील खारिज कर दिया था। पाकिस्तान ने जर्मनी से भी पनडुब्बियों के अपग्रेड करने का अनुरोध किया था। मई 2017 में काबुल में जर्मनी दूतावास के बाहर हुए आतंकी हमला हुआ था। इस हमले के दोषियों की पहचान ना कर पाने को लेकर जर्मनी ने पाकिस्तान की सरकार के सामने नाराजगी जाहिर की थी।
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.
अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ