भारत की पहली हाइड्रोजन कार सामने आई, नितिन गडकरी कार में बैठकर पहुंचे संसद

देश में पेट्रोल और डीजल के रेट लगातार बढ़ रहे हैं. कुछ शहरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर के पार हैं. ऐसे में लोग पेट्रोल और डीजल के विकल्‍प के रूप में सीएनजी जैसे ईंधन पर भरोसा कर रहे हैं. इस बीच देश में हाइड्रोजन कार भी सामने आ गई है. बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस हाइड्रोजन कार पर सवार होकर संसद पहुंचे.

नितिन गडकरी ने इस दौरान कहा कि आत्‍मनिर्भर बनने की दिशा में हमने ग्रीन हाइड्रोजन को प्रस्‍तुत किया है. यह कार पायलट प्रोजेक्‍ट है. अब ग्रीन हाइड्रोजन का उत्‍पादन देश में किया जाएगा. इससे रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. सरकार ने इसके लिए 3000 करोड़ रुपये का मिशन तय किया है. जल्‍द ही भारत ग्रीन हाइड्रोजन का निर्यात भी करेगा. जहां भी कोयला इस्‍तेमाल हो रहा है, वहां ग्रीन हाइड्रोजन इस्‍तेमाल होगी.एक बार टंकी फुल कराने के बाद यह हाइड्रोजन कार लगभग 650 किलोमीटर चलेगी. 2 रुपये प्रति किलोमीटर का खर्च इस हाइड्रोजन कार से सफर में आएगा. सिर्फ 5 मिनट में इसमें फ्यूल भरा जा सकता है.केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जब हाइड्रोजन कार से संसद भवन पहुंचे तो लोगों के लिए एक नया अनुभव था. संसद भवन के कर्मचारी इस कार को कौतूहल से देख रहे थे जबकि सांसदों ने इस कार की तारीफ की. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस कार को नितिन गडकरी के साथ देखा तो वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार के बारे में पूछे जाने पर मुस्कराए.जबकि एक सांसद जो संसदीय कमेटी पेट्रोलियम के सदस्य भी हैं, उनका कहना था कि वह खुद केमिकल इंजीनियर हैं और यह भविष्य की कार है. केंद्रीय मंत्री जब इस तरीके की कार से आए हैं तो लोगों का मनोबल जरूर बढ़ेगा. वैकल्पिक ईंधन की ओर लोग प्रोत्साहित होंगे. हाइड्रोजन कार भविष्य है.प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसका जिक्र किया है और आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में यह बड़ा कदम है. हाइड्रोजन तीन प्रकार के होते हैं, यह ग्रीन हाइड्रोजन है और इसकी कीमत दो रुपये प्रति किलोमीटर आएगी. इसका जापानी नाम मेराई है. जल्दी यह गाड़ी भारत में आएगी और इसके फिलिंग स्टेशन भारत में लगाए जाएंगे.