साउथ अफ्रीका ने जोहानिसबर्ग टेस्ट में भारत को 7 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया। डीन एल्गर की कप्तानी पारी की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने गुरुवार को द वांडरर्स स्टेडियम में अपना सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करके तीन मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर की। इस हार के साथ ही इस मैदान पर भारत का 29 साल पुराना रिकॉर्ड भी चार दिन में ही चकनाचूर हो गया। भारतीय टीम 29 साल से इस मैदान पर अजेय चल रही थी, लेकिन केएल राहुल की कप्तानी में चार दिन में ही उसका यह रिकॉर्ड टूट गया। दोनों टीमों के बीच सीरीज का तीसरा और अंतिम टेस्ट 11 जनवरी से केपटाउन में खेला जाएगा। नियमित कप्तान विराट कोहली इस मुकाबले में खेल सकते हैं। पीठ में तकलीफ के कारण वे दूसरे टेस्ट में नहीं खेले थे। उनकी जगह केएल राहुल ने कप्तानी की थी।भारत ने पिछले 29 साल में जोहानिसबर्ग के द वांडरर्स स्टेडियम में 5 टेस्ट मैच खेले थे। इस मैदान पर टीम इंडिया को कभी भी हार नहीं मिली थी। इन 5 टेस्ट मैचों में से दो मैच भारत ने जीते थे, जबकि तीन मुकाबले ड्रॉ रहे थे। साथ ही 15 साल पहले 2006 में इसी मैदान पर भारतीय टीम ने राहुल द्रविड़ की कप्तानी में इतिहास रचा था। ये वही मौका था जब दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर भारत को पहली टेस्ट जीत मिली थी। मौजूदा समय में टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने 1997 में पहला शतक यहीं पर लगाया था।
टीम इंडिया इससे पहले, मोहम्मद अजहरुद्दीन, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में जोहानिसबर्ग में टेस्ट मैच खेल चुकी थी, लेकिन वो पिछले 29 साल से यहां एक भी टेस्ट मैच नहीं हारी थी। जोहान्सबर्ग में भारत ने जो 2 टेस्ट जीते थे, उनमें से एक जीत द्रविड़ की और दूसरी कोहली की कप्तानी में मिली थी। कोहली की कप्तानी में भारत ने 2018 में खेले गए टेस्ट मैच को 63 रनों से जीता था। इन दो जीत के अलावा 1992, 1997 और 2013 में भी भारतीय टीम ने यहां टेस्ट मैच ड्रॉ करवाया था। लेकिन गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के हाथों मिली हार के साथ ही जोहानिसबर्ग में टीम इंडिया का 29 साल पुराना अजेय रिकॉर्ड टूट गया और राहुल ने पिछले पांच भारतीय कप्तानों की मेहनत पर पानी फेर दिया।
जोहानिसबर्ग में भारत के खिलाफ चौथी पारी में दक्षिण अफ्रीका द्वारा हासिल किया गया 240 रनों का लक्ष्य, भारत के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में तीसरा सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल किया गया है। इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया ने 1977/78 में पर्थ में 339 रनों के लक्ष्य और वेस्टइंडीज ने 1987/88 में दिल्ली में 276 रनों के लक्ष्य को चौथे दिन हासिल किया था।
वहीं, दक्षिण अफ्रीका ने अपने घर में चौथी इनिंग में ये तीसरा सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल किया है। इससे पहले उसने, 2001/02 में डरबन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 335 रन का और 1905/06 में वांडरर्स में इंग्लैंड के खिलाफ 284 रनों का लक्ष्य हासिल किया था। दूसरे टेस्ट में कप्तान डीन एल्गर द्वारा बनाए गए नाबाद 96 रनों की पारी किसी भी दक्षिण अफ्रीकी कप्तान का भारत के खिलाफ दूसरा सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर है। इससे पहले, के वेसेल्स ने 1992/93 में डरबन में 118 रनों की शतकीय पारी खेली थी।