इथोपिया की राजधानी अदीस अबाबा से नैरोबी के लिए उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद इथोपियन एयरलाइंस का एक विमान रविवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में सवार चार भारतीय नागरिक, पर्यटकों और कारोबारियों सहित सभी 157 लोगों की मौत हो गई। इसी विमान में सवार थीं शिखा गर्ग जो संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए) के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने नैरोबी जा रही थीं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम में सलाहकार के तौर पर कार्य कर रहीं पर्यावरणविद् शिखा (32) छह साल से ज्यादा समय से पर्यावरण परिवर्तन और सतत विकास के मुद्दे पर कार्य कर रही थीं। शिखा भारत के पर्यावरण मंत्रालय से भी जुड़ी थीं।
शिखा को जानने वाले सरकारी अधिकारी ऋषि कौशिक बताते हैं कि वह मंत्रालय की अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रभाग का प्रमुख हिस्सा थीं। कौशिक ने कहा, ‘वह सतत विकास के लक्ष्यों की देखभाल कर रही थीं और वह यूएनईए के नैरोबी में होने वाले वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने जा रही थीं। इसमें कई देशों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ अन्य प्रतिनिधि भाग लेते हैं।’ कौशिक पर्यावरण मंत्रालय में सेक्शन अधिकारी (अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सतत विकास) के तौर पर कार्य कर रहे हैं।
शिखा गर्ग की एक दोस्त ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह एक खुशमिजाज, मेहनती और जीवंत इंसान थीं। शिखा का विवाह पिछले साल ही दिसंबर में हुआ था। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम में कार्यरत अपने सहकर्मी से विवाह किया था।
शिखा के घर पहुंचे कौशिक ने बताया, ‘उनके परिजन बहुत परेशान हैं और शिखा के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि शिखा के शव की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। हमारे अधिकारी शिखा के शरीर को यहां लाने के लिए औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए नैरोबी में मौजूद हैं।’
शिखा के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा दो बहनें और एक भाई है।