इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम तैयार है। शुभमन गिल के नेतृत्व में टीम इंडिया विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के नए चक्र की शुरुआत करेगी। गिल को रोहित शर्मा की जगह टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया है। ऋषभ पंत इस सीरीज में उपकप्तान की भूमिका में होंगे। यह पहला मौका होगा जब रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद भारतीय टीम कोई टेस्ट सीरीज खेलने उतरेगी। हैरानी की बात यह है कि चयनकर्ताओं ने मोहम्मद शमी को भी टीम में शामिल नहीं किया है। ऐसे में तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई का पूरा जिम्मा जसप्रीत बुमराह पर होगा। उनका साथ देने के लिए मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह और प्रसिद्ध कृष्णा मौजूद होंगे। आंकड़ों पर नजर डालें तो रोहित, विराट, अश्विन और शमी ने इंग्लैंड में प्रभावित किया है। विराट कोहली ने 33.2 के औसत से 1096 रन बनाए हैं। वहीं, रोहित शर्मा के नाम 524 रन दर्ज हैं। अश्विन ने ऑलराउंड प्रदर्शन के साथ 18 विकेट और 261 रन बनाए हैं जबकि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को इस धरती पर 42 विकेट मिले हैं। ऐसे में साफ है कि भारतीय टीम को इन अनुभवी खिलाड़ियों की कमी खलेगी। गिल नई जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं, लेकिन उनके सामने चुनौती बड़ी है। गिल और मुख्य कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में भारतीय टेस्ट टीम बदलाव के दौर से गुजरी है और अब उसे नतीजे देने होंगे। दरअसल, भारत ने 2007 के बाद से इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है, ऐसे में सभी के मन में यही सवाल उठ रहा है कि क्या गिल-गंभीर की ये जोड़ी 18 साल का सूखा समाप्त कर पाएगी? भारत ने आखिरी बार 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ उसके घर में टेस्ट सीरीज जीती थी। उस वक्त तीन मैचों की सीरीज में भारत 1-0 से जीत दर्ज करने में सफल रहा था। 2007 के बाद से भारतीय टीम चार बार इंग्लैंड दौरे पर गई, लेकिन जीत का स्वाद नहीं चख सकी।
इंग्लैंड में भारतीय टीम को खलेगी दिग्गजों की कमी
