पीएम मोदी ने लोगों से भारत के विकास में टैक्स भरने का आह्वान करते हुए कहा, जहां पिछली सरकारों ने कराधान प्रणाली को छूने में हिचकिचाहट दिखाई, वहीं मौजूदा सरकार इसे अधिक नागरिक केंद्रित बनाने पर जोर दे रही है। यह पहला मौका है, जब कोई सरकार आर्थिक विकास के लिए छोटे शहरों पर फोकस कर रही है। भारत अब वक्त बर्बाद नहीं करेगा और विश्वास के साथ आगे बढ़ेगा। केंद्रीय बजट 50 खबर डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा। पीएम ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा, पिछली सरकारों ने कराधान प्रणाली में सुधार को लेकर कुछ नहीं किया। हमारा प्रयास लोगों पर टैक्स के बोझ को कम करना है। मौजूदा सरकार इसे नागरिक केंद्रित बनाने पर जोर दे रही है। जब कुछ लोग टैक्स नहीं भरते हैं और इससे बचने के रास्ते निकाल लेते हैं तो इसका भार ईमानदारी से टैक्स भरने वालों पर पड़ता है। यह अविश्वसनीय है, लेकिन सच है कि देश में सिर्फ 2200 लोगों ने ही सालाना एक करोड़ से अधिक की आय दिखाई है।
हमारी सरकार ने टैक्स भरने के दौरान होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए असेसमेंट के तरीके में बदलाव कर रही है। अब अधिकारियों को यह पता नहीं चलेगा कि वह किसका टैक्स असेस करेगा, जिसका असेसमेंट हो रहा है, वह किस शहर का है। इससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश बेहद कम हो गई है। हम उन गिने चुने देशों में शामिल होंगे, जो करदाताओं के अधिकारों को लागू करने वाला चार्टर लाएगा।
आठ महीनों में लगाया फैसलों का शतक
पीएम ने कहा, उनकी सरकार ने बीते आठ महीनों के दौरान फैसलों की सेंचुरी लगाई। यह अपने आप में अभूतपूर्व है। 2019 में सरकार बनने के बाद हमने जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया, दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित किया। हमारी सरकार ने तीन तलाक, बालश्रम के खिलाफ कानून, ट्रांसजेंडरों के अधिकारों का कानून, कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती, मोटर वाहन कानून, बोडो समझौता, राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट का गठन, आर्टिकल 370 व नागरिकता संशोधन कानून का वादा पूरा किया।
छोटे शहरों के सपनों को दी उड़ान
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने छोटे शहरों की अर्थव्यवस्था पर ध्यान देते हुए उन्हें सम्मान दिया। इन शहरों को राष्ट्रीय राजमार्गों और उड़ान योजना के तहत बनने वाले एयरपोर्ट से जोड़ा जा रहा है। इन शहरों में सैकड़ों पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले गए।
दिशाहीन आगे बढ़ने से अच्छा मुश्किल लक्ष्य हासिल करें
पीएम ने कहा, दिशाहीन आगे बढ़ने से अच्छा है कि हम मुश्किल लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम करें। हमारी सरकार ने 50 खरब की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा। क्या इससे पहले किसी ने ऐसा किया। हम 70 सालों में 30 खरब की अर्थव्यवस्था तक पहुंचे, कभी किसी ने सवाल किया न किसी ने जवाब दिया, लेकिन हमने लक्ष्य रखा तो सवाल का भी सामना कर रहा है और लक्ष्य पाने को जी जीन से जुटे भी हैं। ये भी पहले की सरकारों और हमारे सरकार के काम करने का अंतर है।