बंधकों के परिजन से मुलाकात की इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने

इजराइल-हमास जंग का आज 23वां दिन है। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) का कहना है कि वो गाजा में घुस चुकी है। यहां जमीनी हमले कर रही है। IDF ने देर रात गाजा में जमीनी स्तर पर हमले को तेज कर दिया। हमले का एक वीडियो भी जारी किया।
IDF ने बताया- वे हमास आतंकियों की लोकेशन ट्रेस करके उनके ठिकानों को तबाह कर रहे हैं।
वहीं भारतीय समयानुसार रात 11:00 बजे इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया- हमास के खिलाफ युद्ध सेकेंड स्टेज पर पहुंच गया है। नेतन्याहू ने आगे कहा- यह एक लंबा युद्ध होगा। हम लड़ेंगे, जीतेंगे। हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे और न ही पीछे हटेंगे। नेतन्याहू ने इसे इजराइल का स्वतंत्रता का दूसरा युद्ध बताया।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बंधकों के परिजन से मुलाकात की है। हमास की कैद में 229 बंधक हैं। इनके परिजन काफी समय से PM नेतन्याहू से मिलने की मांग कर रहे थे। सभी लोग बंधकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे। उनका कहना था कि सेना हमास के अंडरग्राउंड ठिकानों को निशाना बना रही है। इन्हें सुरंगों में बंधकों को रखे जाने की खबर हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी से फोन पर बात की। दोनों लीडर्स ने जंग को लेकर चर्चा की। उन्होंने भारत-मिस्र के रिश्तों को मजबूत करने पर भी बातचीत की।
27 अक्टूबर देर रात हुई इजराइली बमबारी से गाजा के इलाके में कम्यूनिकेशन टूट गया जिसके बाद से यहां इंटरनेट बंद हो चुका है। करीब 23 लाख लोग दुनिया से कट चुके हैं।
WHO अधिकारियों का कहना है कि एक हजार शव और एक हजार से ज्यादा लोग अब भी मलबे में दबे हैं। इन्हें रेस्क्यू करने में परेशानी हो रही है। जरूरत का सामान भी नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं, एलन मस्क ने कहा कि गाजा में उनकी स्टारलिंक सर्विस जल्द एक्टिव होगी।
वहीं, गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि 7 अक्टूबर को शुरू हुई जंग में अब तक 110 डॉक्टरों की मौत हुई है। 50 एम्बुलेंस पर भी हमले हुए हैं। 12 अस्पताल फ्यूल की कमी के कारण बंद हो गए हैं। नॉर्थ गाजा के 24 अस्पतालों को खाली करने का आदेश दिया गया है। यहां 2 हजार से ज्यादा लोग भर्ती हैं।
इधर, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बंधकों के परिजन से मुलाकात की। हमास की कैद में 229 बंधक हैं। इनके परिजन काफी समय से PM नेतन्याहू से मिलने की मांग कर रहे थे। सभी लोग बंधकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे। उनका कहना था कि सेना हमास के अंडरग्राउंड ठिकानों को निशाना बना रही है। इन्हीं सुरंगों में बंधकों को रखे जाने की खबर हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है।
इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने 27 अक्टूबर को कहा था कि हमास का मेन ऑपरेशन बेस गाजा के सबसे बड़े अल शिफा अस्पताल के नीचे है। IDF ने इससे जुड़ा एक वीडियो भी शेयर किया था। हालांकि हमास ने इस दावे को खारिज कर दिया था।
IDF के स्पोक्सपर्सन ने कहा- हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि सैकड़ों लड़ाके अस्पताल में छिपे हैं। इन बेस तक जाने के लिए लड़ाके सुरंगों का इस्तेमाल करते हैं। 28 अक्टूबर को सेना ने हमास लड़ाके का वीडियो जारी किया है। इसमें लड़ाके कबूल कर रहे हैं कि मुख्य बेस अल शिफा अस्पताल के नीचे है। अमेरिका इजराइल की नेगेव डेजर्ट के पास बने अपने सीक्रेट बेस का विस्तार कर रहा है। ये इलाका गाजा से सिर्फ 32 किलोमीटर दूर है। इस बेस का कोड नेम ‘साइट 512’ है। सरकारी रिकॉर्ड में इसे लाइफ सपोर्ट फैसिलिटी कहा गया है। जंग की शुरुआत से ही अमेरिका ने इजराइल को सपोर्ट करते हुए भू-मध्य सागर में अपने वॉरशिप भेज दिए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी से फोन पर बात की। दोनों लीडर्स ने जंग को लेकर चर्चा की।
जंग के बीच लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह लगातार इजराइल पर हमले कर रहा है। इजराइली सेना भी जवाबी कार्रवाई कर रही है। ऐसे में इजराइल-लेबनान जंग का खतरा बढ़ रहा है। इसे देखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने की सलाह दी है।
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गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन ने कहा- इजराइली बमबारी के बाद गाजा आग के गोले की तरह दिखने लगा है। सब जगह जली और तबाह हुई इमारतें दिख रही हैं। जंग की शुरुआत से जिन इलाकों को सेफ घोषित किया गया, वहां 377 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। पूरा मेडिकल सिस्टम ठप हो गया है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कहा- गाजा के अस्पतालों में फ्यूल की कमी है। यहां 12 बड़े अस्पतालों में हर दिन 94 हजार लीटर ईंधन की जरूरत है। ईंधन नहीं होने के कारण लोगों का इलाज करना मुश्किल हो रहा है। यहां हजार मरीज डायलिसिस और 130 बच्चे प्रीमैच्योर बेबी हैं। इन्हें फौरन इलाज की जरूरत है। ह्यूमन राइट्स ग्रुप्स का कहना है कि इजराइली कंपनियों में काम करने वाले गाजा के कई वर्कर्स लापता हैं। जंग शुरू होने के बाद इजराइल ने इनके वर्क परमिट रद्द कर दिए थे। इसके बाद से इन वर्कर्स के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इन्हें डिटेंशन सेंटर में रखे जाने की खबर है। दरअसल, इजराइली सेना ने जंग की शुरुआत से अब तक सैकड़ों फिलिस्तीनियों को अरेस्ट किया है। ज्यादातर वेस्ट बैंक से गिरफ्तार किए गए हैं।रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा- इजराइल हमास के खिलाफ जंग में एक नए चरण में पहुंच गया है। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) का कहना है कि वो गाजा में घुस चुकी है। यहां जमीनी हमले कर रही है। IDF के स्पोक्सपर्सन ने कहा- हम गाजा में अपना जमीनी ऑपरेशन बढ़ा रहे हैं। हम 2 हफ्तों से जमीनी हमलों की तैयारी कर रहे थे। अभी भी हमने पूरी तरह से हमला नहीं किया है पर हम धीरे-धीरे जमीनी हमले का दायरा बढ़ा रहे हैं।
इजराइली सेना पहली बार 26 अक्टूबर को टैंकों के साथ गाजा पट्टी में घुसी थी। इस दौरान हमास ने भी कहा था कि वो सैनिकों से भिड़े थे। सेना एयर स्ट्राइक के साथ समुद्री रास्तों से हमला कर रही है। अब जमीनी हमले भी शुरू किए हैं। जंग में अब तक 311 सैनिकों की मौत हुई है।