कश्मीर पर बेवजह टिप्पणी करने पर चीन को फटकार लगाने के बाद भारत ने अब इस्लामिक देशों के संगठन (ओआइसी) को कश्मीर पर प्रस्ताव पारित करने पर आड़े हाथों लिया है। ओआइसी सदस्यों के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक पाकिस्तान में हुई थी। इसमें एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से कश्मीर समस्या का समाधान किए बगैर दक्षिण एशिया में शांति संभव नहीं है। भारत ने इस प्रस्ताव को झूठा व भ्रामक करार देते हुए कहा है कि इससे ओआइसी की अप्रासंगिकता का पता चलता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि प्रस्ताव न केवल ओआइसी की अप्रासंगिकता के बारे में बताता है, बल्कि हेर फेर करने की पाकिस्तान की भूमिका के बारे में भी बताता है। इसमें भारत के बारे में जो बातें कही गई हैं वो पूरी तरह से आधारहीन व झूठ पर आधारित हैं।
अरिंदम बागची ने ओआइसी की तरफ से अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले व्यवहार पर टिप्पणी करना भी संगठन की मूर्खता के बारे में बताता है जो पाकिस्तान के इशारे पर किया गया है, जहां मानवाधिकार का लगातार उल्लंघन होता रहता है। इस तरह के प्रस्ताव में शामिल होने वाले देशों व सरकारों को अपनी प्रतिष्ठा के बारे में भी सोचना चाहिए। भारत ने एक दिन पहले इसी ओआइसी की बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी की तरफ से की गई टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताया था।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान ओआईसी की बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के जम्मू-कश्मीर पर दिए गए बयानों की निंदा करते हुए इन्हें खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जम्मू-काश्मीर से जुड़़े मामले पूरी तरह से आंतरिक मामले हैं। चीन समेत दुनिया के किसी भी देश को जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।