नवीकरणीय ऊर्जा मामले में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश, निवेशकों के लिए बड़े मौके:प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार बृहस्पतिवार को वैश्विक निवेशकों को भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कारोबार के लिए आमंत्रित किया। उन्‍होंने तीसरे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेश सम्मेलन और प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधत करते हुए कहा कि देश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है और इसके लिए अनुकूल नीतियां बनाई गई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा वक्‍त में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश है। सभी बड़े देशों के मुकाबले इसमें तेज गति से बढोतरी हो रही है। भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता फिलहाल 1,36,000 मेगावाट है जो देश की कुल क्षमता का 36 फीसद है। अगले दशक में सरकार की योजना नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक स्तर पर विकास की है। इससे सालाना करीब 20 अरब डॉलर के कारोबार की संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2017 के बाद से हमारी वार्षिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता कोयला आधारित थर्मल पॉवर से अधिक हो गई है। पिछले छह वर्षों में हमने स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को ढाई गुना बढ़ाया है। अक्षय ऊर्जा जब यह सस्ती नहीं थी तब भी हमने इसमें निवेश किया। अब हमारा निवेश लागत में कमी ला रहा है। हम दुनिया को दिखा रहे हैं कि पर्यावरणीय नीतियां अर्थव्‍यवस्‍था में मददगार भी हो सकती हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि साल 2022 तक देश की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2,20,000 मेगावाट होगी। भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के विनिर्माण की तरह उच्च दक्षता के सौर मोड्यूल्स के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन देने का फैसला किया है। इस सेक्‍टर में भारत निवेश के लिहाज से महत्‍वपूर्ण देश है। पिछले दशक में इस क्षेत्र में पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। यही नहीं भारत हर घर बिजली पहुंचाने के लिए इस ऊर्जा के नेटवर्क का विस्तार कर रहा है।
प्रधानमंत्री पर्यावरण और प्रकृति को लेकर पहले से ही काफी सक्रिय रहे हैं। यही वजह है कि देश में नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर तेजी से काम हुआ है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, इसी कड़ी में लद्दाख संघ शासित प्रदेश में सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की गई है। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने की पहलकदमी के तहत लेह में मौजूद भारतीय वायु सेना के स्टेशन पर यह परियोजना लगाई गई है। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में काम में तेजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उक्‍त परियोजना का काम 31 मार्च 2021 को पूरा होना था लेकिन इसे 12 महीने पहले ही पूरा कर लिया गया है।

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आदर्श कुमार

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