महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था ‘यूएन वूमन’ की एक उच्च अधिकारी ने टीकाकरण अभियान के नेतृत्व के लिए भारत की सराहना करते हुए कहा कि भारत सभी देशों को समान रूप से टीका पहुंचाने में सहायता कर रहा है जबकि अमीर देश निजी फायदे के लिए दवा कंपनियों के साथ समझौते कर रहे हैं ताकि वह अपनी वास्तविक जरूरत से अधिक टीके खरीद सकें।
‘यूएन वूमन’ की उप कार्यकारी निदेशक एवं सहायक महासचिव अनीता भाटिया ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत को विश्व की फार्मेसी के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि उसके पास चिकित्सा क्षेत्र का लंबा अनुभव और ज्ञान है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व के सबसे बड़े दवा निर्माता देशों में से एक है और कई देशों ने कोरोना वायरस टीके के लिए भारत से सहायता मांगी है। टीकाकरण में भारत के नेतृत्व की सराहना करते हुए भाटिया ने कहा कि भारत समान रूप से सभी को टीका देने की दिशा में सीधे तौर पर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत ऐसे समय यह कर रहा है जब दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है और अमीर देश निजी फायदे के लिए फार्मा कंपनियों के साथ समझौते कर रहे हैं ताकि वह अपनी वास्तविक जरूरत से अधिक टीका खरीद सकें। भाटिया ने कहा, “भारत नेतृत्व कर रहा है। मुझे इसके लिए अपने देश पर गर्व है क्योंकि बहुत सारे लोगों को टीके की जरूरत है।”
उन्होंने कहा कि जब वह प्रतिदिन खबरें पढ़ती हैं कि भारत ने अपने पड़ोसी देशों से लेकर अफ्रीका तक टीका भेजा, तब उन्हें गर्व की अनुभूति होती है। भारत ने सहायता के तौर पर कई देशों को टीके की 56 लाख से अधिक खुराक भेजी है।
श्रीलंका, भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमा और सेशेल्स को टीका भेजा गया है। भाटिया ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से बीए, येल विश्वविद्यालय से एमए और जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है।