भारत ने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को फांसी की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने में भारतीय वकील की मदद मुहैया कराने के लिए कहा है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Srivastava) ने वर्चुअल ब्रीफिंग में कहा, ‘राजनयिक चैनल के माध्यम से हम पाकिस्तान के संपर्क में हैं। हम आइसीजे के फैसले की भावना को ध्यान में रखते हुए एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई में विश्वास रखते हैं।’
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले की अक्षरश: भावना के अनुरूप स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई के लिए हमने एक भारतीय वकील द्वारा जाधव के पक्ष की पैरवी करने को कहा है। पाकिस्तान को इस मसले के मुख्य बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए और मामले से संबंधित कागजात और जाधव को बेरोकटोक राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए। पाकिस्तानी मीडिया में रिपोर्ट आई थी कि इस्लामाबाद कोर्ट ने कहा है कि भारतीय अधिकारियों को अपना रुख रखने का मौका दिया जाना चाहिए।
इस रिपोर्ट पर भारत ने कहा था कि उसे अभी तक पाकिस्तान सरकार से कोई संदेश नहीं मिला है। बता दें कि इस महीने के शुरू में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण के कानूनी प्रतिनिधि की नियुक्ति से संबंधित याचिका पर सुनवाई के लिए बड़ी पीठ का गठन किया था। पाकिस्तान में कुलभूषण फांसी की सजा का सामना कर रहे हैं। जीओ न्यूज ने बताया था कि पीठ में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अथर मिनल्लाह, जस्टिस आमिर फारूक और जस्टिस मियां गुल हसन औरंगजेब शामिल हैं। याचिका पर तीन सितंबर को सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि जाधव को अप्रैल 2017 में सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद फैलाने का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। जाधव की पाकिस्तान में गिरफ्तारी और उन्हें कानूनी सहायता दिए बगैर सजा सुनाए जाने पर भारत ने कड़ा एतराज जताया था और फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) का दरवाजा खटखटाया था। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जुलाई 2019 में जाधव की फांसी की सजा पर अंतरिम रोक लगाते हुए सजा की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार करने तथा जाधव को कानूनी सहायता देने का आदेश पाकिस्तान सरकार को दिया था।