नई दिल्ली। आयकर विभाग ने कांग्रेस पार्टी को समन भेजने के बाद कोषाध्यक्ष अहमद पटेल को कथित तौर पर अघोषित पार्टी संग्रह (पार्टी कलेक्शन) और चुनावी खर्चों के लिए 550 करोड़ रु के अधिक की धनराशि के नोटिस भेजा है। धनसंग्रह के मामले में किसी पार्टी के कोषाध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से पहली बार नोटिस भेजा गया है। पटेल को 2018 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 2 अप्रैल, 2019 को आईटी विभाग ने मध्य प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी की थी। इसके बाद अक्टूबर 2019 और फरवरी 2020 में हैदराबाद, विजयवाड़ा और अन्य स्थानों पर छापेमारी के बाद ये समन भेजा गया है। अप्रैल 2019 और अक्टूबर 2019 की छापेमारी के दौरान अलग-अलग शहरों में रहने वाले कांग्रेस पार्टी के 6 नेताओं के ठिकानों की तलाशी ली गई थी।
6 फरवरी, 2020 को 40 स्थानों की भी तलाशी ली गई थी जिनमें ज्यादातर इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी, मेघा इंजीनियरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से जुड़े थे। 11 फरवरी को अहमद पटेल को 14 फरवरी को उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए समन भेजा गया था। इसके बाद कांग्रेस कोषाध्यक्ष को दूसरा समन भी भेजा गया है। इसके बारे में अहमद पटेल ने बताया कि वह अभी अस्वस्थ हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वे अभी संसदीय कार्यों में बिजी हैं। पटेल ने कहा कि दो में से एक समन उनको सांसद वाले ईमेल पर भेजा गया था।
पटेल ने कहा कि इन तरह का चंदा हर राजनीतिक दल को मिलता है और वे संसद सत्र के बाद इस समन का जवाब देंगे। वहीं, इस बाबत वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि कांग्रेस कोषाध्यक्ष को समन भेजा गया क्योंकि पार्टी ने समन का जवाब देने के लिए छोटे पदाधिकारियों को भेजा था। अब हैदराबाद में छापेमारी के बाद कथित उल्लंघन काफी ज्यादा हो गए और यहां 170 के ‘चंदे’ का पता चला था। पटेल को धारा 13ए के कथित उल्लंघन के लिए आईटी-एक्ट की धारा 131 के तहत समन भेजा गया है।