चीन की विस्तारवादी नीतियों से बढ़ते खतरों के मद्देनजर अब ताइवान भी ड्रैगन के खिलाफ सरेआम बगावत पर उतर आया है। ताइवान ने भी चीन के खिलाफ जंग की तैयारियां शुरू कर दी हैं। दो दिन पहले ही ताइवानी सेना ने चीन की नाक के नीचे लाइव फायर ड्रिल कर अपने मंसूबों को स्पष्ट कर दिया था। अब ताइवान के रक्षा मंत्री ने भी ऐलान किया है कि उनके देश का आखिरी सिपाही भी देश की एकता और अखंडता के लिए आखिरी सांस तक लड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में ऐसा नहीं लगता कि चीन हमारे खिलाफ बड़े जंग की तैयारी कर रहा है।
ताइवान के रक्षा मंत्री येन डे-फा ने संसद को बताया कि चीनी कम्युनिस्टों ने ताइवान के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई जारी रखी है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक इसका कोई संकेत नहीं मिला है कि वह ताइवान के खिलाफ बड़े पैमाने पर युद्ध शुरू करने की योजना बना रहा है। ताइवानी संसद ने चीन के युद्धाभ्यास की निंदा भी की है। उन्होंने संसद को बताया कि ताइवान की सेनाएं भी युद्ध के लिए अपनी तैयारियों को जारी रखे हुए हैं। हमारी सेना ने अपनी सतर्कता और तैयारियों को और मजबूत किया है। उन्होंने द्वीप की संप्रभुता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए अंतिम आदमी तक जंग लड़ने की कसम भी खाई। पिछले सप्ताह ही ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि अगर उसके सैनिकों के ऊपर कोई भी हमला होता है तो वह पलटवार करने के लिए स्वतंत्र है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान के पास इतनी ज्यादा मिसाइलें मौजूद हैं जो क्षेत्रफल के हिसाब से दुनियाभर में सबसे ज्यादा है। हालांकि ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इन मिसाइलों की कुल संख्या को आजतक जारी नहीं किया है। ताइपे की चाइना टाइम्स अखबार के अनुसार, ताइवान के पास कुल 6000 से अधिक मिसाइलें हैं। इन हथियारों में अमेरिका निर्मित मिसाइलों के अलावा ताइवान की स्वदेशी मिसाइलें भी शामिल हैं। जिसमें हवा से हवा, हवा से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। ताइवान के पास मिसाइल ही ऐसा हथियार है जिससे चीनी सेना खौफ खाती है और आजतक हमले के प्लान को अंजाम नहीं दे सकी है। क्योंकि, चीन के राष्ट्रपति से लेकर चीनी सेना के जनरल तक लगातार ताइवान पर हमले की धमकी देते रहे हैं।