ये आखिरी शब्द थे फ्रांस की सबसे बड़ी एंटरटेनर और लीजेंड्री सिंगर एडिथ पियाफ के। पेरिस की सड़क पर इनका जन्म हुआ, पैदाइश के तुरंत बाद मां ने उन्हें ठुकरा दिया और पिता वेश्यालय में छोड़कर चले गए, जहां सेक्स वर्कर्स ने इनकी परवरिश की। बड़ी हुईं तो गुजारे के लिए सड़कों पर गाना गाने लगीं।
कम उम्र में प्यार हुआ और महज 17 साल की पियाफ ने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन परवरिश नहीं कर पाईं तो सिर्फ 2 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई। टैलेंट की बदौलत ये फ्रांस की सबसे बड़ी सिंगर बनीं, लेकिन जिंदगी भयानक हादसों और ट्रेजडी के नाम रही। कई लोगों से प्यार हुआ और 3 शादियां भी कीं, लेकिन हर रिश्ता नाकामयाब रहा। इन्होंने दुनियाभर में नाम कमाया, लग्जरी लाइफ भी जी।
प्लेन क्रैश में जब प्रेमी की मौत हुई तो पियाफ शराबी बन गईं और नशा ही इनकी जिंदगी का दुश्मन बन गया। शरीर इतना कमजोर हो गया था कि 46 साल की उम्र में इनका वजन सिर्फ 30 किलो ही रह गया था। काफी इलाज के बाद भी ये बच नहीं सकीं। पियाफ की जब मौत हुई तो खबर सुनकर ही दोस्त की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई। कई फैंस सदमे में चले गए। एक लाख लोगों की भीड़ ने इन्हें अंतिम विदाई दी। वर्ल्ड वॉर 2 के बाद ये पहली बार था जब पेरिस की सड़कों का ट्रैफिक थमा था।
मौत के 60 साल बाद भी ये इतनी बड़ी हस्ती हैं कि इनकी जिंदगी पर 8 फिल्में बन चुकी हैं। और कहा जाता है कि इनकी जिंदगी अभी भी अनसुलझी और अनकही सी है।
एडिथ गियोवाना गैशन। इनका जन्म 19 दिसंबर 1915 को बेलेविले में हुआ जो पेरिस का एक गरीब शहर था। इनका जन्म रुए डे वेलेविले की सड़क में स्ट्रीटलाइट के नीचे हुआ था। जब इनकी मां की तकलीफ बढ़ी थी तब दो पुलिसवालों ने उनकी डिलीवरी करवाई थी। कहा जाता है कि ये एक अनचाही संतान थीं, जिनके दुनिया में आने के मां सख्त खिलाफ थीं
एडिथ के पिता लुइस अलफॉन्से गैशन एक स्ट्रीट परफॉर्मर थे, जिनकी मां एक वेश्यालय चलाती थीं। पियाफ की मां एनेट जिओवाना सर्कस में काम करने वाली शराबी महिला थीं जो जरूरत पड़ने पर वेश्यावृत्ति भी करती थीं। इन्होंने पियाफ को पैदा होते ही छोड़ दिया था। एक साल तक पियाफ को उनके पिता ने साथ रखा, लेकिन जब उन्हें वर्ल्ड वॉर में हिस्सा लेना पड़ा तो वो पियाफ को दादी के पास वेश्यालय छोड़ गए।
ऐसे में पियाफ का बचपन उनकी दादी के साथ वेश्यालय में गुजरा। वहां की सेक्स वर्कर ही पियाफ को संभालती थीं। उस वेश्यालय में दो मंजिलें और 7 कमरे थे। कुछ 10 सेक्स वर्कर्स इन्हीं के साथ रहती थीं, वहीं कुछ आती-जाती रहती थीं।
पियाफ की बायोग्राफी लिखने वाले एक राइटर के अनुसार सेक्स वर्कर्स ने पियाफ की आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए अपना वेश्यालय एक दिन के लिए बंद किया और सारी जमा पूंजी लेकर लीसिएक्स चर्च पहुंच गईं। एक लेटर में उन्होंने वादा किया कि अगर पियाफ की आंखें ठीक हो जाएं तो वो चर्च को 10 हजार फ्रांसेस (फ्रांस की करेंसी) डोनेट करेंगी। चंद सेक्स वर्कर वापस लौट आईं वहीं कई 10 दिनों तक चर्च में ही प्रार्थना करने लगीं।
10 दिनों तक कोई असर नहीं दिखा तो सेक्स वर्कर्स निराश हो गईं। ठीक 10वें दिन की शाम पियाफ की आंखें ठीक होने लगीं और वो देख पा रही थी। कुछ दिन और सेक्स वर्कर्स ने प्रार्थना जारी रखी। पियाफ के अनुसार ऐसा होना उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था, क्योंकि कोई भी डॉक्टर उनकी आंखों के लिए सही इलाज नहीं बता पाया था।जब पियाफ 14 साल की हुईं तो उनके पेरेंट्स ने 4 जून 1929 को तलाक ले लिया। पिता वेश्यालय से पियाफ को लेकर चले गए और सड़कों पर गाना गाते हुए उन्हें साथ रखने लगे। ये वही समय था जब पियाफ ने गाना शुरू किया। 15 साल की पियाफ की मुलाकात पिता ने मोमोने नाम की एक लड़की से करवाई, जो शायद उनकी सौतेली बहन थी।
दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई जो ताउम्र चली। तीनों सड़कों पर घूमकर गाना गाते और जो चंद रुपए मिलते उससे गुजारा करते थे। कुछ पैसे जमा हुए तो पियाफ ने मोमोने के साथ मिलकर एक कमरा किराए पर ले लिया।
1932 में 17 साल की उम्र में पियाफ को डिलीवरी बॉय लुइस डुपोंट से प्यार हो गया। दोनों साथ किराए के कमरे में रहने लगे। इसके बावजूद पियाफ की सौतेली बहन लुइस को पसंद नहीं करती थीं। साथ रहते हुए लुइस को इस बात से आपत्ति थी कि पियाफ सड़कों पर चंद रुपयों के लिए गाना गाएं। दोनों के खूब झगड़े होते थे।
रिश्ते के चंद महीनों में ही पियाफ प्रेग्नेंट हो गईं। पियाफ बच्चा नहीं चाहती थीं, क्योंकि वो जानती थीं कि संघर्षों के बीच बच्चे की परवरिश करना मुश्किल होगा। आखिरकार उन्हें बॉयफ्रेंड लुइस की बात मानकर सड़कों पर गाना छोड़ना पड़ा। प्रेग्नेंसी के दौरान पियाफ एक फैक्टरी में काम करने लगीं
खुद कम उम्र की पियाफ के लिए मां की जिम्मेदारियां उठाना और बच्ची की परवरिश करना बेहद मुश्किल था। वो छोटी बच्ची को घर पर अकेले ही छोड़कर सड़कों पर गाना गाने जाने लगीं। इस लापरवाह रवैये के कारण उनकी और लुइस की खूब लड़ाई होती थी। एक बार लड़ाइयां इतनी बढ़ गईं कि पियाफ ने लुइस को छोड़ दिया और बेटी और मोमोने को लेकर दूसरी जगह रहने पहुंच गईं।
मोमोने और पियाफ को कमाई के लिए रोजाना घर से बाहर निकलना पड़ता था। ऐसे में उनकी 1 साल की बेटी मार्सेला घर पर अकेले ही रहती थी। एक दिन लुइस बेटी की फिक्र में उसे अपने साथ ले गया और कहा कि अगर पियाफ को बेटी से प्यार है तो वो घर आ जाए। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। मां की ही तरह पियाफ ने भी बेटी को ठुकरा दिया। हालांकि उसके लिए वो पैसे भेजती रही।
सही केयर ना मिलने पर मार्सेला की तबीयत बिगड़ती रही। आखिरकार महज 2 साल की उम्र में दिमागी दिक्कत के चलते मार्सेला ने दम तोड़ दिया। बेटी की मौत के बाद पियाफ ने लुइस से सारे रिश्ते खत्म कर लिए
1935 में पियाफ को पेरिस के एक नाइटक्लब पिगाल के बारे में पता चला, जो सिंगर्स को नौकरी देता था। पहली बार नर्वस होकर गाने के बावजूद उस नाइटक्लब के मालिक लेपली ने पियाफ को काम दे दिया और उनकी ग्रूमिंग की। लेपली से उन्हें ले मामे पियाफ नाम मिला, जिसका मतलब है छोटी सी चिड़िया।
पियाफ को इस नाइटक्लब में ब्लैक ड्रेस पहनकर परफॉर्म करना होता था, यही उनकी ट्रेडमार्क ड्रेस बन गई। उस नाइटक्लब में रोजाना नामी हस्तियां आया करती थीं। एक कंपोजर ने जब पियाफ की आवाज सुनी तो उन्हें दो गाने “Les Mômes de la Cloche” और “L’Étranger”; ऑफर किए। ये पियाफ की पहली रिकॉर्डिंग थी।
6 अप्रैल 1936 को पियाफ को सिंगर बनाने वाले नाइटक्लब के मालिक लेपली की हत्या हो गई। उनका शव उन्हीं के अपार्टमेंट में मिला और शक गया पियाफ पर। कई दिनों तक जांच हुई तो पता चला कि लेपली की हत्या डकैती के लिए हुई, जिससे पियाफ के रिश्ते थे
रेमंड ने ही इन्हें एडिथ पियाफ नाम दिया। दोनों रिलेशनशिप में आ गए, लेकिन कुछ समय बाद रेमंड को वर्ल्ड वॉर- 2 में हिस्सा लेने जाना पड़ा। रेमंड की नामौजूदगी में पियाफ का रिश्ता पॉल मैरिसे से शुरू हो गया। दोनों ने साथ में कई बेहतरीन गाने भी गाए। चंद दिनों में ही ये रिश्ता भी टूट गया तो पियाफ अपनी सौतेली बहन के साथ एक बड़े वेश्यालय के ऊपर एक अपार्टमेंट में रहने लगीं
वर्ल्ड वॉर- 2 के दौरान जर्मन का कब्जा फ्रांस पर होने लगा। शहर भर में कई जर्मन सैनिक घूमते रहते थे, जो समय बिताने के लिए कभी नाइटक्लब जाते थे तो कभी वेश्यालय। जिस वेश्यालय के ऊपर पियाफ रहती थीं, वहां भी जर्मन ऑफिसर आया करते थे। पियाफ का यहूदी पियानोवादक नोर्बर्ट ग्लासबर्ग से भी रिश्ता रहा। वहीं पियाफ जर्मन सैनिकों के प्राइवेट इवेंट में भी गाया करती थीं।
कई नाइटक्लब जर्मन सैनिकों के लिए रिजर्व रहते थे। पियाफ जर्मन सैनिकों के लिए गाने गाती थीं तो उन पर देशद्रोही और गद्दार होने के आरोप लगे। उन्हें इस आरोप के चलते पर्ज पैनल के सामने सफाई देनी पड़ी। पर्ज पैनल उनके गानों को रेडियाे पर आने से बैन करना चाहता था। पियाफ पर कई जर्मन कैदियों को भगाने का भी आरोप था।
पियाफ एक बार कॉन्सर्ट करने कैदियों के कैंप में गई थीं। यहां वो अपने सूटकेस में कई नकली पासपोर्ट लेकर आई थीं। अपने ऑटोग्राफ के बहाने उन्होंने कैदियों को नकली पासपोर्ट दिए, जिससे वो भागने में कामयाब हुए थे।
पियाफ ने ही जेविश म्यूजिशियन को खर्चा देकर उन्हें फ्रांस में जगह दिलाई। जर्मन के कब्जे से पहले पियाफ ने जेविश म्यूजिशियन को फ्रांस में आने की मदद दी थी। पियाफ के सेक्रेट्री ने पैनल को सफाई दी, जिससे उन पर लगा बैन हटाया गया।
पियाफ ने फ्रेंच गानों को अपनी आवाज देना जारी रखा। साल 1947 में Mais qu’est-ce que j’ai और Yves Montand जैसे बेहतरीन गाने देते हुए पियाफ एक स्टार सिंगर बनकर उभरीं। इन्होंने कैब्रे जॉनर को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई। पियाफ इसी साल फ्रेंच की सबसे बेहतरीन और पॉपुलर सिंगर बनीं।
कामयाबी के दिनों में पियाफ की मुलाकात फ्रेंच बॉक्सर मार्सेल सेरडन से हुई। ठीक इसी समय मार्सेल वर्ल्ड मिडिलवेट चैंपियनशिप जीतकर फ्रांस के नेशनल हीरो बन चुके थे। पियाफ की जिंदगी में कई लोग आए, लेकिन वो शादीशुदा और तीन बच्चों के पिता मार्सेल से बेहद प्यार करती थीं, लेकिन किस्मत में उनका साथ नहीं लिखा था
अक्टूबर 1949 में पियाफ काम के सिलसिले में न्ययॉर्क गईं। वो बॉयफ्रेंड मार्सेल से मिलना चाहती थीं तो उन्होंने मार्सेल को फ्रांस से न्यूयॉर्क बुलाया। मार्सेल पहले पानी के रास्ते शिप से जाने वाले थे, लेकिन जल्दी मिलने की जिद में पियाफ ने उन्हें फ्लाइट से आने के लिए राजी कर लिया। मार्सेल फ्लाइट से न्यूयॉर्क रवाना हुए, लेकिन अफसोस कि वो फ्लाइट क्रैश हो गई। क्रैश में मार्सेल मारे गए और इसका पछतावा ताउम्र पियाफ को रहा। मार्सेल की मौत से पियाफ बुरी तरह टूट गई थीं। इससे उबरने के लिए उन्होंने शराब, ड्रग्स और नींद की दवाइयों का सहारा लिया।
जहां एक तरफ करियर बुलंदियों पर था वहीं पियाफ शराब और नशीली दवाओं की गिरफ्त में थीं। इन्हें नींद ना आने की बीमारी थी, जिसके लिए उन्हें रोजाना स्लीपिंग पिल्स लेनी पड़ती थी। नशा और दवाओं से पियाफ का वजन गिरता जा रहा था।
1951 में पियाफ और उनके दोस्त का एक गंभीर कार एक्सीडेंट हुआ। इससे उनका हाथ और 2 पसलियां टूट गईं। पियाफ के शरीर में इतना दर्द रहता था कि डॉक्टर ने उन्हें मॉर्फिन के डोज दिए। चूंकि पियाफ शराब और नींद की दवाएं भी लेती थीं, इसलिए उन्हें मॉर्फिन का रिएक्शन होने लगा।
डॉक्टर्स ने उन्हें शराब छोड़ने का सुझाव दिया, लेकिन ऐसा करना उनके लिए काफी मुश्किल था। कुछ समय बाद पियाफ के दो और एक्सीडेंट हुए जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई।
बिगड़ी हालत के बीच शराब का ज्यादा सेवन करना उनके लिए और मुश्किल होता जा रहा था। ऐसे में सिंगर जैकस पिल्स ने उन्हें तीन नशा मुक्ति केंद्रों में भेजा।
1952 में पियाफ ने सिंगर जैकस पिल्स से शादी कर ली। शादी के कुछ महीनों बाद पियाफ को हार्ट अटैक आया। हालत इतनी गंभीर थी कि उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में रखा गया। शादी के कुछ सालों बाद ही 1957 में दोनों ने तलाक ले लिया।
1962 में पियाफ की मुलाकात स्ट्रगलिंग एक्टर और सिंगर थिओ सारापो से हुई। अस्पताल में पियाफ का ख्याल रखते हुए थिओ को उनसे प्यार हो गया। अस्पताल में ही थिओ ने पियाफ को शादी के लिए प्रपोज किया था। पहले तो पियाफ ने इनकार कर दिया, लेकिन बाद में वो राजी हो गईं। थिओ, पियाफ से 20 साल छोटे और काफी लंबे थे। जब दोनों के रिश्ते की बाद सामने आई तो लोगों ने थिओ को गोल्ड डिगर करार दिया। लोगों ने कहा कि थिओ ने 20 साल बड़ी बीमार पियाफ से सिर्फ उनकी संपत्ति के लिए शादी की है।
पियाफ ने चार्ल्स एज्नावोर को अपने साथ टूर में आने का मौका दिया था, आगे जाकर ये भी फ्रांस के पॉपुलर सिंगर बने। 50 के दशक में पियाफ ने कई टूर किए। बिगड़ती तबीयत के बीच भी उन्होंने कई बेहतरीन गाने गाए और विदेश जाकर परफॉर्म किया। देखते-ही-देखते पियाफ की हालत बद्तर होती चली गई। पियाफ परफॉर्मेंस के दौरान खड़ी नहीं रह पाती थीं, वहीं कमजोरी से उनकी आवाज भी खराब हो रही थी।
कार एक्सीडेंट से पियाफ का शरीर बेहद कमजोर हो गया। उन्होंने शराब और नशे के सेवन से दूरी तो बनाई, लेकिन देर हो चुकी थी। पेट में अल्सर हुआ तो पियाफ को 1959 में कई सर्जरी करवानी पड़ी। लिवर की बीमारियां इन्हें अपनी चपेट में ले रही थीं वहीं 1962 से ब्लड ट्रांसफ्यूजन से ऐसी कमजोरी हुई कि इनका वजन घटकर महज 30 किलो हो गया। वजन घटने के बाद पियाफ का लंबा इलाज चला, लेकिन हालत में सुधार नहीं आया।
1963 में गाने की रिकॉर्डिंग के कुछ समय बाद ही पियाफ कोमा में चली गईं। कुछ समय बाद होश में आईं तो भी तबीयत में सुधार नहीं आया। पियाफ के पति और उनकी सौतेली बहन उन्हें अपने विला ले गए। बीमारियों से एक लंबी जंग लड़ने के बाद 10 अक्टूबर 1963 को पियाफ का निधन हो गया। 47 साल की पियाफ की मौत का कारण लिवर फेल होना और लिवर सिरोसिस बताया गया। पियाफ का निधन उनके विला में ग्रैस, फ्रांस में हुआ था।
पियाफ के निधन के बाद उनके पति थिओ सारापो उनकी डेडबॉडी को गाड़ी में लेकर ग्रैस से अकेले पेरिस आए थे। वो चाहते थे कि फैंस ये सोचें कि पियाफ का निधन उनके होमटाउन पेरिस में हुआ है।
पियाफ की मौत के अगले दिन जब ये खबर फैली तो पूरे फ्रांस में शोक की लहर थी। जैसे ही ये खबर उनके करीबी दोस्त जीन कॉकटियू को मिली तो तुरंत उन्हें हार्ट अटैक आया और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इनके अंतिम संस्कार के दिन पेरिस की सड़कों पर लाखों की तादाद में लोग शोक मना रहे थे।
पियाफ को पेरे लचाइस सिमेट्री में ठीक वहां दफनाया गया जहां उनकी बेटी मार्सेला की कब्र थी। उस कब्रिस्तान में सबसे ज्यादा विजिटर्स पियाफ की कब्र पर ही आते हैं। पियाफ के पिता और पति थिओ सपारो की कब्र भी उनके साथ ही बनी है।
चूंकि पियाफ ने तलाक के बाद एक ऑर्थोडॉक्स चर्च में दूसरी शादी की थी, इसीलिए उन्हें कैथोलिक चर्च में किए जाने वाले अंतिम संस्कार से वंचित कर दिया गया था। पियाफ की मौत के 50 साल बाद 10 अक्टूबर 2013 को रोमन कैथोलिक चर्च ने पुनर्विचार कर उन्हें कैथोलिक रीति-रिवाजों से मास अंतिम संस्कार देने का फैसला किया था। उनका अंतिम संस्कार बेलेविले के सेंट जीन-बेप्टिस्ट चर्च में हुआ। उसी शहर में जहां वो पैदा हुई थीं।
फ्रेंच सिंगर चार्ल्स एज्नावॉर ने एक इंटरव्यू के दौरान पियाफ के अंतिम संस्कार को याद करते हुए कहा था कि वर्ल्ड वॉर 2 के बाद ऐसा नजारा पहली बार देखने को मिला, जब पेरिस का ट्रैफिक पूरी तरह रुक गया था।