उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 5 साल बाद आयोजित हुई ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में कई सॉल्वर पकड़े गए. एसटीएफ ने लखनऊ, बरेली, कानपुर और गोरखपुर में कई लोगों को गिरफ्तार किया. नकल करने के लिए कई परीक्षार्थियों ने अलग-अलग तरीके अपनाएं. जिसे देखकर आपको गुस्से के साथ हंसी भी आएगी.
कानपुर के नौबस्ता इलाके में सत्यम तिवारी नाम के एक परीक्षार्थी को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया. उसने अपने कान के अंदर ब्लूटूथ डिवाइस लगाया था. जिसे यूपी एसटीएफ ने चिमटी की मदद से बाहर निकाला. ब्लूटूथ डिवाइस की तरफ प्रहलाद पाल खुद था, जो एक लॉज में रुक कर सत्यम के सवालों का जवाब दे रहा था.Bएसटीएफ ने सत्यम तिवारी को गिरफ्तार कर इस मामले में कड़ी पूछताछ की. जिसमें पता चला कि सत्यम तिवारी को दूसरे परीक्षार्थी प्रहलाद पाल ने दी थी. सत्यम ने इस परीक्षा में पास होने के लिए 8 लाख रुपए देने का वादा किया था.लखनऊ से भी यूपी एसटीएफ की टीम ने एक सॉल्वर गैंग को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में पता चला कि पकड़े गए गैंग का सरगना जौनपुर में तैनात एक लेखपाल है. जिसे एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया. जानकारी के लिए बता दें कि साल 2018 में गलत पेपर बांटने और सॉल्वर गैंग की सेंधमारी के चलते निरस्त हुई ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा 5 साल बाद उत्तर प्रदेश के 20 जिलों के 737 सेंटरों पर आयोजित की गई.