लखनऊ में पिछले 3 महीने में करीब 7000 गाड़ियां नो पार्किंग जोन से उठाई गई है। इनसे एक गाड़ी पर 1100 रुपए वसूले जाते हैं। इसमें 600 रुपए क्रेन मालिक और बाकी के 500 रुपए मौजूदा समय यातायात विभाग को जाता है। लेकिन इन गाड़ियों को उठाने में GST की बड़ी चोरी सामने आई है। सूत्रों का कहना है कि 7000 गाड़ियों से ठेकेदार ने करीब 42 लाख रुपए की कमाई की है। ठेकेदार को 18 % GST भी जमा करना था, लेकिन उसने एक रुपए भी जमा नहीं किया है।
काम करने वाली फर्म वी लिफ्ट हरी विल सर्विसेज के नाम से काम करने वाले फर्म के मालिकों ने 42 लाख रुपए पर करीब 6 लाख 40 हजार रुपए की GST चोरी अभी तक कर डाली है। बड़ी बात यह है कि कागजों में इन लोगों GST विभाग को यह बताया है कि पिछले तीन महीने में शहर के अंदर एक भी गाड़ी नहीं उठी है। ऐसे में वह लोग GST जमा नहीं कर पाए हैं। जबकि यातायात विभाग ने संबंधित फर्म के साथ मिलकर हर महीने करीब 2300 गाड़ियां उठाई है। ऐसे में प्रतिदिन 70 से ज्यादा गाड़ियों को चालान किया गया है। 70 गाड़ियों के 77 हजार रुपए की वसूली प्रतिदिन होती है। इसमें अकेले फर्म का हिस्सा 42 हजार रुपए से ज्यादा है।
बताया जा रहा है कि GST चोरी के मामले में यह फर्म पहले भी खेल करती आई है। इसकी वजह से साल 2020 में इनके यहां जीएसटी विभाग ने बड़े स्तर पर छापा मारा था। बड़ी बात यह है कि यह छापा केंद्रीय GST की टीम ने मारा था। अभी भी विभाग इसको लेकर सुनवाई चल रही है। इसमें जांच होने के बाद चोरी के सही आंकड़े सामने आएंगे।
यह क्रेन विभागीय नियमावली को ताख पर रख चलाए जाते हैं। एक भी क्रेन के पास आरटीओ विभाग ने एनओसी और एसएसआरपी नंबर नहीं है। इसको लेकर शहर के अलग – अलग तबके के लोगों ने जब सोशल मीडिया पर सवाल उठाना शुरू किया तो क्रेन से नंबर ही हटा दिया गया है। मौजूदा समय किसी भी क्रेन पर कोई नंबर नहीं है। कांग्रेस पार्षद मुकेश सिंह चौहान का कहना है कि यह भी आरटीओ के हिसाब से नियमों की अनदेखी है। लेकिन दूसरे को नियमों का पाठ पढ़ाने वाले सरकारी महकमें के अधिकारियों को एक बार खुद के गिरेबान में झांक कर देखना
क्रेन मालिक के इस रवैये के खिलाफ नगर निगम सदन में भी पार्षदों ने सवाल उठाया था। यहां तक की बीजेपी के कई वरिष्ठ पार्षदों ने बताया कि यह लोग गाड़ियां उठाने के नाम पर अब आम आदमी को परेशान करते हैं। अस्पताल के सामने अगर कोई मरीज को उतारने भी जाता है तो उसकी भी गाड़ी उठा ली जाती है। पार्षदों ने मांग किया है कि सदन के निमयों के गाड़ी उठाने का अधिकार नगर निगम को है। ऐसे में यह काम फिर से नगर निगम के पास आना चाहिए।
जनपद, हजरतगंज चौराहा, लालबाग, गोमती नगर, इंदिरा नगर , फैजाबाद रोड, आलमबाग, बीबीडी में नियमित गाड़ियां उठाई जाती है। उसके अलावा शहर में जरूरत के हिसाब से भी कई बार यह गाड़ियां उठाते हैं। इसमें संगीत नाटक अकादमी, फन मॉल, सहारा गंज जैसे स्थान शामिल है। हालांकि मौजूदा समय इन जगहों पर गाड़ियां बहुत कम उठ रही है।