महाराष्ट्र में पवार बनाम पवार की लड़ाई रोमांचक हो गई है। बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार और नेता अजित पवार ने अपने-अपने समर्थक विधायकों, सांसदों की बैठक बुलाई है। शरद गुट की बैठक दोपहर एक बजे दक्षिण मुंबई के यशवंतराव चव्हाण केंद्र में होगी, जबकि अजित गुट की बैठक सुबह 11 बजे उपनगरीय बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी में होगी।
कुल 53 विधायकों में से जिस गुट में जितने ज्यादा विधायक, वही असली एनसीपी होने का संवैधानिक दावा कर सकेगा। सूत्रों के मुताबिक, शरद गुट की बैठक में आने वालों से एफिडेविट लाने को कहा गया है। इसके लिए व्हिप भी जारी किया गया है। इस बीच, अजित गुट ने अपने साथ 42 विधायकों के समर्थन की बात कही है।
उधर, महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा, ‘अभी किसी भी पक्ष ने दावा नहीं किया है कि पार्टी का विभाजन हुआ है। अजित पवार और शरद पवार गुटों के बीच अभी लंबी लड़ाई चलेगी। संभावना है कि आगामी मानसून सत्र में इस बारे में यह स्थिति साफ हो सकेगी कि विधानसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक कौन होगा।’
वहीं शरद पवार गुट के लोगों ने उनके घर सिल्वर ओक के बाहर पोस्टर लगाए हैं, जिनमें कहा गया है कि 83 साल का एक योद्धा लड़ाई लड़ने के लिए अकेले जा रहा है।
अजित गुट का दावा है कि उसके पास 40 विधायक हैं। इनके हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को दिया है, लेकिन इस दावे के खिलाफ कई विधायकों ने कहा है कि अनजाने में हस्ताक्षर लिए गए।
जो विधायक शरद के समर्थन में हैं, उन्होंने उनके साथ वाली फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है। इनमें अनिल देशमुख, जितेंद्र आव्हाड, जयंत पाटिल, रोहित पवार, संदीप क्षीरसागर, प्राजक्त प्रसादराव तनपुरे शामिल हैं।
अजित के साथ अभी शपथ लेने वाले विधायक ही दिख रहे हैं। विधान परिषद सदस्य अमोल मिटकरी ने कहा- अजित गुट को 3 निर्दलियों का भी समर्थन है।
शरद पवार ने भी मंगलवार को वाईबी चव्हाण सेंटर यानी NCP दफ्तर में पार्टी की मीटिंग की थी। इसमें कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले समेत कई नेता मौजूद रहे।
पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण के मुताबिक एनसीपी के 53 में से 37 से ज्यादा विधायक अजित के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून से बच जाएंगे। 36 से कम रहे तो निलंबन तय है। सीएम शिंदे के खिलाफ उद्धव गुट फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। मांग है कि शिंदे के विधायकों की लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द फैसला हो।
दल-बदल कानून की दो शर्तें हैं। जिस दल को नेता छोड़ रहा है, उसका दूसरे दल में विलय हो जाए। दो तिहाई विधायक सहमत हों। दोनों स्थितियां अजित के पक्ष में हैं। अजित पवार का दावा है कि उन्हें राज्य विधानसभा में NCP के कुल 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों से बचने के लिए अजित के पास 36 से अधिक विधायक होने चाहिए।
अजित पवार के नए पार्टी दफ्तर के उद्घाटन से पहले वहां हंगामा हुआ। अजित पवार समर्थकों ने आरोप लगाया कि PWD विभाग ने उन्हें दफ्तर की चाबी नहीं सौंपी थी। इसलिए गेट को धक्का मारकर खोला गया। हालांकि, बाद में अजित वहां पहुंचे और पार्टी दफ्तर का उद्घाटन किया।
अजित पवार ने नए ऑफिस में शरद पवार की तस्वीर लगाई। इस पर NCP चीफ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा- जिन लोगों ने मेरी विचारधारा को धोखा दिया, उन्हें मेरी तस्वीर का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं।अजित गुट में शामिल हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा, मैं चाहता हूं कि राजनीति पारिवारिक रिश्ते के बीच न आए। मैं खुद को भी पवार परिवार का एक हिस्सा मानता हूं। हम केवल शरद पवार से इसे स्वीकार करने की अपील कर सकते हैं। वह जो अच्छा समझेंगे, वो फैसला लेंगे।
प्रफुल्ल के इस बयान पर एनसीपी नेता जितेंद्र अव्हाड ने कहा, मैं प्रफुल्ल पटेल का बहुत सम्मान करता हूं और उन्होंने जो कुछ भी कहा उससे यह समझ आता है कि राजनीति को पारिवारिक संबंधों के बीच नहीं आना चाहिए। मेरी भी यही राय है
महाराष्ट्र में 2019 से अब तक 4 बार शपथ ग्रहण हो चुका है। नवंबर 2019 में अजित पवार ने भाजपा सरकार में डिप्टी CM पद की शपथ ली। सरकार केवल 80 घंटे चली थी। इसके बाद 2019 में ही अजित ने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार में डिप्टी CM पद की शपथ ली। यह सरकार जून 2022 में गिर गई। इसके बाद 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चौथा शपथग्रहण एक बार फिर अजित पवार का हुआ। उन्होंने 2 जुलाई 2023 को डिप्टी CM पद की शपथ ली।