विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. यानी इंडिया नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस की तीसरी बैठक आज से मुंबई में शुरू हो रही है। बैठक दो दिन चलेगी। उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर I.N.D.I.A. कैसे 2024 लोकसभा चुनाव जीत सकती है, इसको लेकर सीट का फॉर्मूला अखिलेश यादव पेश करेंगे। माना जा रहा है कि I.N.D.I.A. का LOGO और राज्यवार सीट के बंटवारे पर भी सभी दल अपना प्रस्ताव पेश करेंगे।
बैठक से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव, जयंत चौधरी और अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल की मौजूदगी में यूपी की 80 लोकसभा सीटों का प्रस्ताव रखा जाएगा।
इस प्रस्ताव के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि उत्तर प्रदेश के I.N.D.I.A. गठबंधन में कांग्रेस की स्थिति क्या रहेगी? अखिलेश यादव अपने सहयोगी दलों को लेकर कितनी सीट देने का मन बना चुके हैं? क्योंकि सबको मालूम है कि दिल्ली में सत्ता की कुर्सी किसी भी गठबंधन को यूपी से ही मिलती है। लेकिन, विपक्ष के I.N.D.I.A. में यूपी कहां है? ये सबसे बड़ा सवाल है?
बेंगलुरु की I.N.D.I.A की दूसरी मीटिंग में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पहुंचे थे। वे राहुल गांधी से भी मिले। 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव सपा और कांग्रेस ने मिलकर लड़ा था।
विपक्ष पहली बैठक पटना में 23 जून को हुई थी। बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को दूसरी बैठक हुई थी। बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को दूसरी बैठक हुई थी। इसमें ही विपक्षी एकता गठबंधन का नाम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने I.N.D.I.A तय किया।
I.N.D.I.A बैठक में इन सभी सवालों के बीच सबसे जरूरी सवाल ये है कि विपक्षी गठबंधन में चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला क्या होगा? इस बैठक में सीटों के बंटवारे पर राज्यवार ढंग से मंथन होगा। कहा जा रहा है कि पार्टियों के जनाधार और पिछले चुनावों में दलों की कामयाबी को आधार बनाकर इस पर चर्चा हो सकती है। जब तक गठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हो जाता, तब तक विपक्षी दलों के बीच साझा मुहिम आगे नहीं बढ़ पाएगी। नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि सब कुछ जल्द से जल्द तय हो जाए कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा।
बीते तीन दशक में उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर होने वाली कांग्रेस देश में I.N.D.I.A की अगुवाई कर रही है। लेकिन, 1989 के चुनाव के बाद प्रदेश की सत्ता में कभी कांग्रेस वापस नहीं आई। लेकिन, यूपीए की दो बार की सरकार बनने में उत्तर प्रदेश के लोकसभा सीटों के चुनाव परिणाम की अहम भूमिका जरूर रही। ऐसे में विपक्षी दलों का I.N.D.I.A गठबंधन कितना सफल होगा? यह आने वाला समय और चुनाव परिणाम ही बताएगा। सवाल यह उठता है कि I.N.D.I.A की अगुआई करने वाली कांग्रेस सबसे बड़े सियासी सूबे में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। कांग्रेस यूपी में अस्तिव बचाने की लड़ाई लड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का वोट शेयर 2.33% तक सिमट चुका है।
यूपी में अब I.N.D.I.A की सारी निगाहें सपा की ओर हैं। सवाल भी बड़ा है कि क्या सपा और कांग्रेस एक-दूसरे से हाथ मिलाएंगे? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यूपी जीतने के लिए सपा और कांग्रेस का हाथ मिलाना ही होगा। सपा I.N.D.I.A गठजोड़ की सबसे अहम कड़ी है। क्योंकि कोई भी गठबंधन देश में बिना यूपी को साधे सफल नहीं हो सकता है। इसलिए 2024 लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस साथ आ सकते हैं। क्योंकि यूपी में I.N.D.I.A कामयाब तभी हो सकता है, जब सपा और कांग्रेस एक बार फिर से हाथ मिलाएं।
इससे पहले 2017 विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन हुआ था। तब 403 सीटों में से कांग्रेस ने 105 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जबकि सपा 298 विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में थी।
2017 चुनाव में सपा और कांग्रेस के गठबंधन को सिर्फ 54 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस को 7 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि सपा को केवल 47 सीटों पर कामयाबी मिली थी।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि देशभर में दलितों की राजनीति और उत्तर प्रदेश की सत्ता में चार बार कब्जा जमाने वाली बसपा के बिना I.N.D.I.A कितना कामयाब होगा यह राजनीतिक पहेली बन गई है। बसपा प्रमुख ने विपक्षी दलों के बैठक से पहले एक बार खुल के फिर से ऐलान किया है कि वह उत्तर प्रदेश समेत देश के चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ेंगी।सपा की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री पद का चेहरा होना चाहिए। वहीं इससे पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की ओर से राहुल गांधी का नाम लिया गया। इन दोनों के अलावा कई दूसरे कांग्रेसी नेता भी राहुल गांधी का नाम ले चुके हैं।
गठबंधन में कांग्रेस, TMC, DMK, AAP, JDU, RJD, JMM, NCP (शरद गुट), शिवसेना (उद्वव गुट), SP, एनसी, PDP, CPM, CPI, RLD, MDMK, केएमडीके, वीसीके, आरएसपी, सीपीआई-एमएल (लिबरेशन), फॉरवर्ड ब्लॉक, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (मणि), अपना दल (कामेरावादी) और एमएमके शामिल हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी 5 राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। विपक्षी दलों के I.N.D.I.A. गठबंधन की मुंबई बैठक से एक दिन पहले इस ऐलान से साफ हो गया है कि बसपा विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी। मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया पर इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने लिखा- NDA और I.N.D.I.A गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी, जातिवादी, सांप्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक और पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं। जिनकी नीतियों के विरुद्ध BSP संघर्ष कर रही है। इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता।