जापान में गंभीर कोविड संक्रमितों को ही मिलेगी अस्पतालों में जगह, मामले बढ़ने पर लिया गया फैसला

टोक्यो, रायटर। जापान में कोरोना से पूरी तरह से आराम नहीं मिल सका है। देश की ओर से खेलों के महाकुंभ ओलंपिक शुरू होने से पहले व अभी भी तमाम उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में जापान को अस्पतालों में जगह बनाए रखना जरूरी हो गया है। अधिकारियों ने कहा कि जापान उन रोगियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नीति में बदलाव करेगा जो सीओवीआईडी ​​-19 से गंभीर रूप से बीमार हैं या ऐसा होने का खतरा है। अधिकारियों ने कहा, चिकित्सा प्रणाली पर दवाब से बचने के लिए ऐसा किया जाएगा। बता दें कि ओलंपिक मेजबान शहर टोक्यो और अन्य जगहों पर मामले बढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने सोमवार शाम सरकारी टास्क फोर्स की बैठक के बाद कहा, ‘हम गंभीर रूप से बीमार रोगियों और ऐसे लोगों के लिए आवश्यक बिस्तर सुरक्षित करेंगे जिनके मामले आगे जोखिम भरे हो सकते हैं।’ सुगा ने कहा कि अन्य रोगियों को घर पर रहने के लिए कहा जाएगा और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा सके। पिछली नीति में उच्च जोखिम वाले रोगियों की व्यापक श्रेणी को अस्पताल में भर्ती करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

जापान ने सोमवार को अपने आपातकाल की स्थिति का विस्तार करते हुए टोक्यो के पास तीन प्रान्तों और ओसाका के पश्चिमी प्रान्त को भी शामिल किया। टोक्यो में एक मौजूदा आपातकाल (महामारी शुरू होने के बाद से चौथी बार) और दक्षिणी द्वीप ओकिनावा अब 31 अगस्त तक चलेगा।

देखा जाए तो देश महामारी से काफी हद तक बचा रहा। यहां 932,000 मामलों और रविवार तक 15,000 से अधिक मौतों की जानकारी दी गई। लेकिन अब अत्यधिक संक्रामक डेल्टा संस्करण देश के लिए परेशानी बन रहा है, यहां तक ​​कि अब जनता ज्यादा ध्यान नहीं रख रही है और टीकाकरण पिछड़ गया है, खासकर युवा निवासियों के बीच।

केवल 30% से कम आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है। शहर के आंकड़ों से पता चलता है कि रविवार तक गंभीर रूप से बीमार सीओवीआईडी ​​-19 रोगियों के लिए अस्पताल के लगभग 70% बिस्तर भरे हुए थे।