पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को बुधवार को नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) के सामने पेश होना है। बुशरा को 60 अरब रुपए के अल कादिर ट्रस्ट स्कैम में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
NAB की इन्वेस्टिगेशन टीम के सामने पेश होने के एक दिन पहले बुशरा ने लाहौर हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की। इसमें अपने (बुशरा बीबी) के खिलाफ दर्ज तमाम केसेज में प्रोटेक्शन बेल की डिमांड की गई है। इसी लाहौर हाईकोर्ट ने 11 मई को इमरान खान को भी तमाम मामलों में जमानत दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था- इमरान को 9 मई के पहले और उसके बाद दर्ज किसी भी मामले में अगले आदेश तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
बुशरा ने मंगलवार को प्रोटेक्शन बेल के लिए जो पिटीशन लगाई है, उसमें वही बातें हैं जो इमरान ने अपनी प्रोटेक्शन बेल पिटीशन में कहीं थीं। मसलन, इमरान की तरह बुशरा ने भी पिटीशन में कहा- अदालत से गुजारिश है कि मुझे ऐसे किसी भी केस में गिरफ्तार न किया जाए जो मेरी जानकारी में हो, या न हो।
बुशरा की पिटीशन में कहा गया है- पाकिस्तान के कई हिस्सों में मेरे खिलाफ सियासी वजहों से केस दर्ज कराए गए हैं। ज्यादातर की जानकारी मुझे नहीं है। लिहाजा, प्रोटेक्शन बेल दी जाए।
बुशरा को 7 जून को NAB के रावलपिंडी ऑफिस में पेश होना है। यहां उनके बयान दर्ज कराए जाएंगे। करीब एक साल से जांच एजेंसी बुशरा को बुला रही है, वो एक बार भी नहीं पहुंचीं। इमरान सिर्फ एक बार आए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी और PML-N नेता मरियम ने पिछले दिनों कहा था- मुल्क की अदालतें इमरान-बुशरा के करप्शन पर आंखें बंद कर लेती हैं
करीब 4 साल पहले अल कादिर ट्रस्ट का मामला ब्रिटेन से शुरू हुआ। वहां नेशनल क्राइम एजेंसी (NCA) एक पाकिस्तानी को गिरफ्तार करती है। जांच के दौरान पता लगता है कि उसके पास करीब 60 अरब रुपए (पाकिस्तानी करेंसी में) हैं। गिरफ्तार किया गया शख्स पाकिस्तान के सबसे बड़े लैंड माफिया मलिक रियाज का दायां हाथ बताया गया। NCA यह पैसा जब्त करके अपनी होम मिनिस्ट्री को बताती है।
ब्रिटेन की होम मिनिस्ट्री मामले की पूरी जानकारी एक सीलबंद लिफाफे में पाकिस्तान सरकार को भेजती है। उस वक्त इमरान खान प्रधानमंत्री थे। मामले का खुलासा करने वाले फैजल वाबडा कैबिनेट मिनिस्टर थे। फैज हमीद खुफिया एजेंसी ISI के चीफ थे।
इमरान एक रूटीन कैबिनेट मीटिंग करते हैं। जैसे ही यह मीटिंग खत्म होने लगती है तो इमरान एक लिफाफा निकालकर दिखाते हुए वहां मौजूद लोगों से कहते हैं- यह सीक्रेट लेटर ब्रिटेन से आया है। हाल ही में पार्टी छोड़ने वाली पूर्व मंत्री शिरीन मजारी समेत कुछ और मंत्री पूछते हैं- इसमें क्या है? खान मामला टालते हुए कहते हैं – मैं इसको देखूंगा।
दरअसल, इसी लिफाफे में उन 60 अरब रुपए का चेक था, जो ब्रिटेन में मलिक रियाज के गुर्गे से जब्त किए गए थे। आरोप है कि यह पैसा पहले सुप्रीम कोर्ट के अकाउंट में जमा कराया गया। बाद में इमरान और उनके करीबियों के अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिया गया।
इसके बाद मलिक रियाज को अरबों रुपए के सरकारी ठेके दिए गए। उसकी काली कमाई को सफेद करने के लिए स्कीम लाई गई। उसने ही खान की पत्नी बुशरा बीबी को 5 कैरेट की डायमंड रिंग गिफ्ट की।
इसी मलिक रियाज ने खान और बुशरा के अल कादिर ट्रस्ट को कई एकड़ जमीन दी। इस पर अल कादिर यूनिवर्सिटी बनाई गई। ये मजहबी तालीम देती है। करीब 5 साल गुजर चुके हैं, यूनिवर्सिटी में अब तक सिर्फ 32 स्टूडेंट्स हैं।