पाकिस्तान में एक नई और बड़ी सियासी पार्टी बन गई है। इसका नाम ‘इश्तेहिकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी’ है। इस पार्टी की दो खास बातें हैं। पहली- 9 मई की हिंसा के बाद इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) छोड़ने वाले ज्यादातर नेता नई पार्टी में शामिल हैं। दूसरी- इस पार्टी को मुल्क के सबसे अमीर कारोबारियों में शुमार शुगर माफिया जहांगीर खान तरीन (JKT) ने बनाया है।
जहांगीर तरीन वो शख्स हैं, जिनका 2011 में इमरान की पार्टी खड़ी करने में सबसे अहम रोल था। बाद में इमरान ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। जहांगीर के पास दो प्राईवेट जेट भी हैं।
जहांगीर खान तरीन और इमरान की यह तस्वीर 2016 की है। तब दोनों बहुत करीबी दोस्त थे। अब तरीन ने इमरान की पार्टी को तोड़ने में सबसे अहम किरदार निभाया है।
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई पार्टी का ऐलान करते हुए तरीन ने कहा- हम नई पार्टी शुरू कर रहे हैं। हमारा मकसद आज भी वही है जो पहले था। हम पाकिस्तान को एक बेहतर मुल्क बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि इमरान का साथ छोड़ने वाले तमाम नेता आज फिर एक प्लेटफॉर्म पर नजर आ रहे हैं। इस पार्टी का मकसद मुल्क के सोशल, इकोनॉमिक और दूसरे मसले हल करना है।
तरीन ने कहा- PTI को मजबूत बनाने में हमने कई साल तक दिन-रात मेहनत की थी। वहां से हमें धोखा मिला। आज हम नई शुरुआत कर रहे हैं। इस मुल्क के लोग हिम्मत और हौसला रखें, हम उनकी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि तमाम और बड़े नेता हमसे जुड़ेंगे।
इस पार्टी का एक अहम चेहरा अलीम खान हैं। वो भी इमरान की पार्टी में रहे हैं और जहांगीर तरीन की ही तरह पाकिस्तान के अमीर कारोबारी हैं।
सिर्फ एक महीने पहले तक फवाद चौधरी (कुर्सी पर बैठे हुए) इमरान के दाएं हाथ माने जाते थे। वक्त बदला तो वो भी अब तरीन के साथ हो गए हैं।
शुगर माफिया कहलाते हैं तरीन
जहांगीर खान तरीन को पाकिस्तान में JKT के नाम से जाना जाता है। वो अरबों रुपए की कंपनियों के मालिक हैं। हालांकि, पाकिस्तान में ही एक बहुत बड़ा तबका ऐसा है जो जहांगीर को शुगर माफिया बताता है।
आरोप है कि पाकिस्तान में शुगर यानी शक्कर के प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन का सारा हिसाब-किताब जहांगीर के इशारों पर ही होता है। इमरान की पार्टी फौज के इशारे पर जहांगीर तरीन ने ही खड़ी की थी। दूसरी पार्टियों के बड़े नेताओं को करोड़ों रुपए में खरीदकर उन्हें तरीन के प्राईवेट जेट्स से इस्लामाबाद लाया गया था। 2017 में जब इमरान को लगा कि तरीन का पार्टी में जबरदस्त असर है तो उन्होंने जहांगीर को झूठे केसेज में फंसाकर पार्टी से ही निकाल दिया।
अब जहांगीर और स्टील माफिया अलीम खान ने हर उस नेता को अपने साथ मिला लिया है जो इमरान की पार्टी छोड़ चुका है। गुरुवार को फवाद चौधरी जैसे इमरान के करीबी भी जहांगीर तरीन के मंच पर नजर आए।
इमरान के करीबी दोस्त और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस वजीउद्दीन अहमद ने पिछले साल खान पर गंभीर आरोप लगाए थे। अहमद ने कहा था- इमरान ईमानदार नहीं हैं। जहांगीर तरीन हर महीने 50 लाख पाकिस्तानी रुपए बनी गाला (इस्लामाबाद में इमरान का आलीशान घर) भेजते थे। पहले ये रकम 20 लाख थी। फिर 30 लाख हुई और आखिर में 50 लाख रुपए हो गई।
जहांगीर तरीन ने बुधवार को अपने फॉर्महाउस पर डिनर होस्ट किया था। इसमें उनकी नई पार्टी इश्तेहिकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी के तमाम नेता मौजूद थे।
PTI के 100 से ज्यादा नेता, सांसद और विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- खान के कुछ बेहद करीबी नेता गिरफ्तारी के डर से बॉर्डर क्रॉस करके अफगानिस्तान और ईरान पहुंच गए हैं। इनकी वहां भी तलाश की जा रही है।
जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ी उनमें ज्यादातर सीनियर लीडर हैं। ये हैं- फवाद चौधरी, शीरीन मजारी, फिरदौस आशिक अवान, मलिका बुखारी, परवेज खटक, मुसर्रत-जमशेद चीमा और आमिर मलिक कियानी। कई नेता जैसे परवेज इलाही जेल में हैं।
करीब 4 साल पहले अल कादिर ट्रस्ट का मामला ब्रिटेन से शुरू हुआ। वहां नेशनल क्राइम एजेंसी (NCA) एक पाकिस्तानी को गिरफ्तार करती है। जांच के दौरान पता लगता है कि उसके पास करीब 60 अरब रुपए (पाकिस्तानी करेंसी में) हैं। गिरफ्तार किया गया शख्स पाकिस्तान के सबसे बड़े लैंड माफिया मलिक रियाज का दायां हाथ बताया गया। NCA यह पैसा जब्त करके अपनी होम मिनिस्ट्री को बताती है।
ब्रिटेन की होम मिनिस्ट्री मामले की पूरी जानकारी एक सीलबंद लिफाफे में पाकिस्तान सरकार को भेजती है। उस वक्त इमरान खान प्रधानमंत्री थे। मामले का खुलासा करने वाले फैजल वाबडा कैबिनेट मिनिस्टर थे। फैज हमीद खुफिया एजेंसी ISI के चीफ थे।
इमरान एक रूटीन कैबिनेट मीटिंग करते हैं। जैसे ही यह मीटिंग खत्म होने लगती है तो इमरान एक लिफाफा निकालकर दिखाते हुए वहां मौजूद लोगों से कहते हैं- यह सीक्रेट लेटर ब्रिटेन से आया है। हाल ही में पार्टी छोड़ने वाली पूर्व मंत्री शिरीन मजारी समेत कुछ और मंत्री पूछते हैं- इसमें क्या है? खान मामला टालते हुए कहते हैं – मैं इसको देखूंगा।
दरअसल, इसी लिफाफे में उन 60 अरब रुपए का चेक था, जो ब्रिटेन में मलिक रियाज के गुर्गे से जब्त किए गए थे। आरोप है कि यह पैसा पहले सुप्रीम कोर्ट के अकाउंट में जमा कराया गया। बाद में इमरान और उनके करीबियों के अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिया गया।
इसके बाद मलिक रियाज को अरबों रुपए के सरकारी ठेके दिए गए। उसकी काली कमाई को सफेद करने के लिए स्कीम लाई गई। उसने ही खान की पत्नी बुशरा बीबी को 5 कैरेट की डायमंड रिंग गिफ्ट की।
इसी मलिक रियाज ने खान और बुशरा के अल कादिर ट्रस्ट को कई एकड़ जमीन दी। इस पर अल कादिर यूनिवर्सिटी बनाई गई। ये मजहबी तालीम देती है। करीब 5 साल गुजर चुके हैं, यूनिवर्सिटी में अब तक सिर्फ 32 स्टूडेंट्स हैं।