इमरती देवी विवाद : राहुल गांधी ने जताई भाषा पर आपत्ति, कमलनाथ बोले- अब नहीं मांगेंगे माफी

राहुल गांधी ने कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ के इमरती देवी को लेकर दिए बयान को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है। कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष का कहना है कि वह इस तरह की भाषा पसंद नहीं करते हैं, फिर वह किसी भी शख्‍स द्वारा इस्‍तेमाल की गई हो। बता दें कि मध्‍य प्रदेश की राजनीति में उपचुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी ने कमलनाथ के बयान को मुद्दा बना लिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये अहंकार है, वो(कमलनाथ) अपने से श्रेष्ठ किसी को नहीं मानते हैं और इसी के कारण तो ये सरकार तबाह हुई, क्योंकि इन्होंने प्रदेश को तबाह कर दिया था।

राहुल गांधी से जब कमलनाथ के इमरती देवी को लेकर दिए बयान के बारे में पूछा गया, तो उन्‍होंने कहा, ‘देखिए, कमलनाथ जी मेरी पार्टी से ही हैं। लेकिन मैं निजी तौर पर इस तरह की भाषा पसंद नहीं करता हूं, जिसका इस्‍तेमाल उन्‍होंने किया है। मैं इसकी सराहना नहीं करता, चाहे वह कोई भी हो। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’ उन्‍होंने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं। हमें महिलाओं का सम्‍मान करना चाहिए। इस तरह की भाषा का महिलाओं के लिए इस्‍तेमाल मुझे कतई पसंद नहीं है।
इमरती देवी के मुद्दे पर जब कमलनाथ से पत्रकारों ने राहुल गांधी की नाराजगी को लेकर टिप्‍पणी मांगी, तो उन्‍होंने कहा, ‘अब वो राहुल जी की राय है। और उनको जो समझाया गया…! मैंने जिस संदर्भ में कहा था, वो साफ कर दिया है। इसमें कुछ और कहने की आवश्‍यकता नहीं है।’ कमलनाथ से जब पूछा गया कि क्‍या वह इमरती देवी से माफी मांगेंगे, तो उन्‍होंने कहा, ‘अब मैं क्‍यों माफी मांगूंगा, मैंने तो कह दिया कि मेरा लक्ष्‍य किसी का अपमान करना नहीं था। अगर मेरे बयान से कोई अपमानित महसूस करता है, तो मुझे खेद है। इसलिए अब फिर खेद प्रकट करने की कोई आवश्‍यकता मैं महसूस नहीं करता हूं।

राहुल गांधी से जब कमलनाथ के इमरती देवी को लेकर दिए बयान के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा देखिए कमलनाथ जी मेरी पार्टी से ही हैं। लेकिन मैं निजी तौर पर इस तरह की भाषा पसंद नहीं करता हूं जिसका इस्‍तेमाल उन्‍होंने किया है।

राहुल गांधी ने कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ के इमरती देवी को लेकर दिए बयान को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है। कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष का कहना है कि वह इस तरह की भाषा पसंद नहीं करते हैं, फिर वह किसी भी शख्‍स द्वारा इस्‍तेमाल की गई हो। बता दें कि मध्‍य प्रदेश की राजनीति में उपचुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी ने कमलनाथ के बयान को मुद्दा बना लिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये अहंकार है, वो(कमलनाथ) अपने से श्रेष्ठ किसी को नहीं मानते हैं और इसी के कारण तो ये सरकार तबाह हुई, क्योंकि इन्होंने प्रदेश को तबाह कर दिया था।

वहीं शिवराज चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि अब भी आपको(कमलनाथ) इमरती देवी का नाम याद नहीं आया, 24 घंटे पूरे देश ने इमरती देवी को देखा। वो आपके मंत्रिमंडल की सदस्य रही हैं, सीधे-सीधे माफी क्यों नहीं मांगते? मैंने कल सोनिया गांधी जी को पत्र लिखा था उसका उत्तर मुझे नहीं मिला है। वो(कमलनाथ) अपने से श्रेष्ठ किसी को नहीं मानते हैं और इसी के कारण तो ये सरकार तबाह हुई, क्योंकि इन्होंने प्रदेश को तबाह कर दिया था।
बता दें कि बयान पर राजनीति गरमाने के बाद कमलनाथ ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्‍होंने किसी का अपमान करने के उद्देश्य से ऐसा नहीं कहा था। वह दरअसल, उनका(इमरती देवी) का नाम भूल गए थे। फिर एक शख्स के हाथ में कागज की तरफ इशारा करते हुए वो बोले कि यह हमारी लिस्ट है, जिसमें आइटम नं.1, आइटम नं. 2 लिखा है। क्या यह किसी का अपमान है? शिवराज मौका ढूंढ़ रहे हैं, लेकिन कमलनाथ किसी का अपमान नहीं करता।

उल्‍लेखनीय है कि एक जनसभा के दौरान कमलनाथ ने इमरती देवी को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि ये सुरेश राजे हमारे उम्मीदवार हैं। सरल, सीधे-साधे, ये तो करेंगे। ये उसके जैसे नहीं है, क्या नाम है उसका (भीड़ में से आवाज आती है इमरती), मैं क्या उसका नाम लूं, मेरे से ज्यादा तो आप लोग पहचानते हो, पहले ही सावधान कर देना चाहिए था कि ये क्या (अशोभनीय शब्द) है।

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आदर्श कुमार

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