पेशाब महसूस हो तो तुरंत जाएं, जानें क्या है यूरोलॉजी एक्सपर्ट की राय

देरी, अनदेखी, लापरवाही और जानकारी का अभाव अकसर हमारे लिए सेहत से जुड़ी गंभीर समस्या का कारण बन जाता है। ऐसे ही मुद्दों में से एक है पेशाब का महसूस होना और उसके निस्तारण में देरी करना। विशेषज्ञ बताते हैं कि ऐसा करके आप मुसीबतों को न्योता दे रहे हैं। ऐसी ही परेशानियों के बारे में जानकारी दे रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी

हमारा शरीर कुदरत की एक बहुत अच्छी कृति है, जो अपने लिए जरूरी हर काम के लिए समय-समय पर अलार्म बजाकर हमें सतर्क करता रहता है। ऐसी ही एक प्रक्रिया है पेशाब का महसूस होना और उसका निस्तारण। कई बार हम ऐसी परिस्थिति में होते हैं कि अलार्म बजने के बाद भी इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाते, यानी महसूस होने पर भी हम उसे रोक कर रखते हैं। ऐसा कभी-कभी हो, तो फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अगर आप अकसर ऐसा करते हैं, तो यकीनन यह आपकी सेहत पर ग्रहण लगा सकता है।

हो सकती है गुर्दे में पथरी
लम्बे समय तक पेशाब को रोके रखने की आदत आपको पेशाब की थैली, गुर्दे या पेशाब की नली में जलन और सूजन सरीखी समस्याओं का शिकार बना सकती है। आपका ऐसा करना गुर्दे के लिए बेहद हानिकारक है। इससे किडनी की कार्यप्रणाली में बाधा आ जाती है और उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। पेशाब में मौजूद मिनरल एकत्रित होकर गुर्दों में पथरी का निर्माण कर सकते हैं। इससे गुर्दे में पथरी या संक्रमण की आशंका रहती है।

पेशाब के रास्ते में संक्रमण की आशंका
यूं तो इस संक्रमण के होने के कई कारण हैं, लेकिन काफी देर तक पेशाब को रोके रखने से भी मूत्र मार्गीय संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। पेशाब की तीव्रता को ज्यादा देर तक नियंत्रित करना बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करता है। हालांकि शोध इस बात की पुष्टि नहीं करते, पर डॉक्टर इस बात से इत्तेफाक रखते हैं और ऐसा न करने की नसीहत देते हैं। जो लोग कम पानी पीते हैं, उनमें भी इसकी आशंका होती है, क्योंकि ऐसी स्थिति में पेशाब की थैली दिमाग को पेशाब की तीव्रता का संकेत नहीं दे पाती। बैक्टीरिया मूत्र मार्ग के रास्ते फैलते हैं और संक्रमण का कारण बन जाते हैं। ऐसी स्थिति में आपको पेशाब में जलन, पेडू और निचले पेट में दर्द, पेशाब में गंध, पेशाब के रंग में परिवर्तन, खून आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

थैली में हो सकता है खिंचाव 
पेशाब को ज्यादा देर तक रोके रखना पेशाब थैली में खिंचाव पैदा करता है। इस खिंचाव के चलते पेशाब की तीव्रता का निस्तारण सामान्य तौर पर नहीं होता। कई बार पेशाब होने में आने वाली समस्या को दूर करने के लिए कैथेटर सरीखे उपायों तक का इस्तेमाल करना पड़ जाता है। लम्बे समय तक पेशाब का रुक जाना कई मामलों में जानलेवा तक हो जाता है।

रिसाव की हो जाती है समस्या 
लम्बे समय तक पेशाब को दबा के रखना पेल्विक फ्लोर मसल्स को नुकसान पहुंचाता है। यह मसल्स मूत्र मार्ग को बंद रखती है, ताकि पेशाब का रिसाव न होने पाए। इस मसल का नुकसान यूरिन इन्फेक्शन का कारण बन जाता है। इस समस्या से निजात दिलाने में पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज खासी कारगर होती है।

दर्द बन सकता है साथी 
जो लोग अकसर पेशाब की तीव्र इच्छा को नजरअंदाज करते हैं और पेशाब थैली में दर्द महसूस होने पर ही सक्रिय होते हैं, उन्हें पेशाब थैली में सूजन आने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को डिस्चार्ज के दौरान तेज दर्द की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। पेशाब हो जाने के बाद मसल्स आंशिक रूप से खिंच जाती हैं।

खतरे की घंटी
पेशाब करने में अगर आपको ज्यादा वक्त लगता है, तो मान लीजिए कि यह आपके लिए मुसीबत का कारण बन सकता है। यूरोलॉजिस्ट डॉ. अनिल जैन कहते हैं कि महिलाओं की यह प्रक्रिया तुरंत शुरू होकर 20 से 30 सेकेंड में और पुरुषों की 40 से 50 सेकेंड में पूरी हो जानी चाहिए। इससे ज्यादा समय लगना असामान्य है। अगर इस प्रक्रिया के बाद आपको हल्केपन का एहसास नहीं होता, तो यह संकेत है कि आपकी पेशाब की थैली पूरी तरह से खाली नहीं हुई है। यह भी सामान्य लक्षण नहीं है। अगर आपको कम पेशाब महसूस हो रही है, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित कीजिए कि आप दिनभर में पर्याप्त पानी पी रहे हैं या नहीं। अगर पानी की मात्रा पर्याप्त है, तो यह समस्या यूरोलॉजिकल समस्या भी हो सकती है।

कब होता है महसूस 
यह जानना जरूरी है कि पेशाब हमें कब महसूस होता है और उसे कितनी देर रोका जा सकता है। बकौल डॉ. जैन, पेशाब थैली में 300 एमएल पेशाब एकत्रित होने पर हमें उसके निस्तारण की पहली इच्छा महसूस होने लगती है और 400 से 500 एमएल पेशाब एकत्रित हो जाने पर हमें पेशाब जाने की तीव्र इच्छा होने लगती है। ऐसा होने पर ज्यादा समय तक उसे रोकना कई समस्याओं को दावत देना है।

आप हैं सामान्य 
रात के 8 घंटे सोने के लिए होते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति इस दौरान एक बार पेशाब करने जाता है। सोने जाने के पहले और जागने के बाद पेशाब जाना दिन में गिना जाता है। बचे हुए 16 घंटों में अगर आप तीन से पांच बार इस प्रक्रिया को दोहरा रहे हैं, तो आप एकदम सामान्य हैं।

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