देश में अधिकांश किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा भले ही हो लेकिन धनबाद में विज्ञान के बल पर किसान घर में समृद्धि ला रहे हैं। यहां का किसान तकनीक की बल और मेहनत से अपने भाग्य गढ रहे हैं। बाघमारा प्रखंड अंतर्गत रेंगुनी पंचायत के बांसमुड़ी गांव के आदिवासी युवक सुरेंद्र कुमार हेंब्रम और उसकी पत्नी गीता देवी तथा नगरीकला उत्तर पंचायत के सोनदाहा गांव के आदिवासी युवक सुधीर हेंब्रम इसका जीवंत उदाहरण है। इन किसानों ने समय को समझा और खेती में तकनीक का इस्तेमाल किया। तकनीक और मेहनत के बल पर आज ये किसान सोना उगा रहा हैं ।
केस स्टडी एक
सुरेंद्र कुमार हेंब्रम वर्ष 2016 में सीआइटी रांची से सिविल में बीटेक की है। नौकरी के लिए बहुत प्रयास किया लेकिन नौकरी नहीं मिली। तब उसने खेती करने का मन बनाया। इसके बाद टमाटर की खेती करनी शुरू की। अभी रोजाना लगभग डेढ क्वींटल टमाटर खेत से निकल रहे है। इससे उसे रोजाना चार हजार रुपये का मुनाफा होता है। बारह दिनों में लगभग पचपन हजार रुपये का मुनाफा हुआ है। वह लगभग दो वर्ष से टमाटर की खेती कर रहा है। सुरेंद्र की पत्नी गीता देवी खेती करने में पति का सहयोग करती हैं।
केस स्टडी दो :
सुधीर हेंब्रम ने कड़ी मेहनत कर अपने दो और दोस्तों के सहयोग से सोनदाहा में गेंदा फूलों की खेती कर रहा है। लगभग पांच एकड़ बंजर भूमि में यहां गेंदा फूल लहलहा रही है। खेत से रोजाना लगभग 50 केजी फूल निकलता है । इन फूलों को धनबाद में बिक्री किया जाता है। इससे सुधीर और उसके दोस्तों को अच्छा मुनाफा होता है। सुधीर अपने दोस्तो के साथ मिलकर कई वर्षो से गेंदा फूलों की खेती भी कर रहा है।