पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशाखाना केस में आज कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश दिया है। इमरान के नाम जारी समन में कोर्ट ने कहा- आपको 11 अप्रैल को सुबह 8.30 बजे पेश होना है। अगर आप पेश नहीं होते तो कानून अपना काम करेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- इमरान अगर आज भी पेश नहीं होते तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होना तय है। वो लगातार इस केस में पेशी से बच रहे हैं, क्योंकि उनके खिलाफ बेहद पुख्ता सबूत मौजूद हैं।
इमरान पर आरोप है कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने और उनकी पत्नी ने सरकारी खजाने से कौड़ियों के दाम पर दूसरे देशों से मिले तोहफे खरीदे और फिर इन्हें करोड़ों रुपए में बेच दिया। बचने के लिए जाली बिल पेश किए।
जिन तोहफों को इमरान ने बेचा था उनमें एक बेशकीमती घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स वॉच शामिल थीं। सरकार के मुताबिक, इमरान ने कुल 111 तोहफे 2.23 करोड़ रुपए (पाकिस्तानी करंसी) में खरीदे और इन्हें करीब 2.07 अरब रुपए में बेचा। इसके लिए जाली रसीदें बनवाईं गईं
पाकिस्तान के इलेक्शन कमीशन ने इमरान के खिलाफ दो मामलों में पुख्ता सबूत कोर्ट के सामने पेश किए हैं। पहला मामला इसी तोशाखाना केस का है। इसमें 20 लाख की जाली रसीदें बनवाई गईं। इससे तोशाखाना के गिफ्ट्स खरीदे गए और बाद में इन्हें करीब 14 करोड़ रुपए में बेचा गया।
दूसरा मामला टैरिन व्हाइट का है। अमेरिका और ब्रिटेन की हाईकोर्ट्स में साबित हो चुका है कि टैरिन इमरान की बेटी है। खान ने इलेक्शन कमीशन को सिर्फ दो बेटों सुलेमान और कासिम की जानकारी दी है। टैरिन की बात वो छिपाते रहे हैं।
अगर इन दोनों केस में से किसी एक में भी खान पर आरोप साबित हो जाते हैं तो वो पाकिस्तानी संविधान के आर्टिकल 63-ए के तहत चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाएंगे। यही वजह है कि वो इन मामलों में कभी कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए।
तस्वीर जनवरी 2019 की है। फोटो में गवर्नर तबुक प्रिंस फहद बिन सुल्तान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने इमरान को ‘गोल्ड कलाश्निकोव’ का तोहफा और गोलियां गिफ्ट की थीं।
करीब ढाई साल पहले अबरार खालिद नाम के एक पाकिस्तानी शख्स ने इन्फॉर्मेशन कमीशन में एक अर्जी दायर की थी। कहा- इमरान को दूसरे देशों से मिले गिफ्ट्स की जानकारी दी जाए। जवाब मिला- गिफ्ट्स की जानकारी नहीं दी जा सकती। खालिद भी जिद्दी निकले। उन्होंने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान से पूछा था- आप तोहफों की जानकारी क्यों नहीं देते? इस पर खान के वकील का जवाब था- इससे मुल्क की सलामती यानी सुरक्षा को खतरा है। दूसरे देशों से रिश्ते खराब हो सकते हैं। इसलिए अवाम को दूसरे देशों से मिले तोहफों की जानकारी नहीं दे सकते।
पाकिस्तानी पत्रकार आरिफ अजाकिया और इमदाद अली शूमरो के मुताबिक- इमरान को सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने गोल्ड से बनी और हीरों से जड़ी बेशकीमती रिस्ट वॉच गिफ्ट की थी। उन्होंने दो लिमिटेड एडिशन घड़ियां बनवाईं थीं। एक खुद के पास रखी थी। दूसरी इमरान को गिफ्ट की थी। इसकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए थी।
इमरान ने घर आकर यह रिस्ट वॉच पिंकी पीरनी (तीसरी पत्नी बुशरा बीबी) को रखने के लिए दे दी। बुशरा ने यह घड़ी उस वक्त के एक मंत्री जुल्फी बुखारी को देकर कीमत पता करने को कहा। मंत्री ने बताया कि यह तो बेहद महंगी है।
बुशरा ने उसे बेचने को कहा। ब्रांडेड घड़ी देखकर शोरूम के मालिक ने इसकी मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी को फोन कर दिया और यहीं से इमरान की कलई खुल गई। मेकर्स ने सीधे MBS के ऑफिस से संपर्क किया और बता दिया कि आपने जो 2 घड़ियां बनवाईं थीं, उनमें से एक बिकने के लिए आई है। ये आपने भेजी है या चोरी हुई है?
कुछ महीने पहले इमरान की पत्नी बुशरा और दोस्त जुल्फी बुखारी का ऑडियो लीक हुआ। इसमें साफ हो गया कि इमरान के कहने पर ही बुशरा ने जुल्फी बुखारी से संपर्क किया था और उन्हें घड़ियां बिकवाने को कहा था। जुल्फी इमरान सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उनके बड़े राजदार माने जाते हैं।
फोटो 17 फरवरी 2019 की है। तब सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान यानी MBS पाकिस्तान दौरे पर आए थे। इमरान खुद प्रिंस को न सिर्फ रिसीव करने पहुंचे, बल्कि कार भी खुद ही ड्राइव की थी। MBS की गिफ्ट रिस्ट वॉच ही इमरान ने करोड़ों रुपए में बेच दी।
फोटो 17 फरवरी 2019 की है। तब सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान यानी MBS पाकिस्तान दौरे पर आए थे। इमरान खुद प्रिंस को न सिर्फ रिसीव करने पहुंचे, बल्कि कार भी खुद ही ड्राइव की थी। MBS की गिफ्ट रिस्ट वॉच ही इमरान ने करोड़ों रुपए में बेच दी।
और सबूत मिलते चले गए
जब इमरान पर सरकारी खजाने (तोशाखाना) के गिफ्ट्स बेचने के आरोप लगे तो उनकी पार्टी ने बचाव में फर्जी सबूत पेश किए। कहा- तमाम गिफ्ट्स नियमों के मुताबिक, तोशाखाना से खरीदे गए थे। एक घड़ी इस्लामाबाद के एक शोरूम में बेची गई थी। इसके बिल भी मौजूद हैं।
खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने जो बिल मीडिया को दिखाया, वो दरअसल हाथ से लिखा एक कागज था। मजे की बात यह है कि जिस दुकान का यह बिल था, उसके मालिक ने वीडियो जारी करके साफ कर दिया कि यह फर्जी बिल है। अशफाक नाम के शोरूम मालिक ने कहा था- हम प्रॉपर बिल देते हैं। जो बिल दिखाया जा रहा है, वो जाली है। न तो वो हैंडराइटिंग मेरी है और न सिग्नेचर। मैं PTI पर केस दायर कर रहा हूं।
खान एक और जगह फंस गए। दरअसल, उन्होंने दावा किया कि घड़ी इस्लामाबाद में बेची गई थी। लेकिन, दुबई के एक अमीर कारोबारी ने वीडियो जारी करके उनके झूठ की कलई खोल दी। पाकिस्तानी मूल के इस बिजनेसमैन ने कहा- इमरान की पत्नी बुशरा की दोस्त फराह गोगी ने मुझे सऊदी क्राउन प्रिंस की घड़ी और एक गिफ्ट सेट 2 लाख डॉलर में बेचा। मैंने इसका कैश पेमेंट किया। इसके सबूत मेरे पास मौजूद हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सऊदी सरकार ने इस बिजनेसमैन से यह घड़ी और गिफ्ट आयटम्स वापस खरीद लिए हैं।
पाकिस्तान की पत्रकार आलिया शाह के मुताबिक- पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है। इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है। अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है।
तोहफे की अनुमानित कीमत अगर 10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है। अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है। अगर कोई नहीं खरीदता तो नीलामी होती है। इमरान ने यहां भी खेल कर दिया। 2 करोड़ का तोहफा कहीं 5 लाख, तो कहीं 7 लाख का बता दिया। इसी कीमत पर इन्हें खरीदा और फिर ओरिजनल कीमत से भी कई गुना ज्यादा पर बेच दिया। यह काम जुल्फी बुखारी और बुशरा बीबी की दोस्त फराह खान उर्फ फराह गोगी ने किया था।
एक और खास बात यह है कि फराह गोगी उसी दिन (10 अप्रैल 2022) पाकिस्तान से एक प्राईवेट जेट से फरार होकर दुबई पहुंच गईं थीं, जिस दिन इमरान खान की सरकार गिरी थी।