ममता के खिलाफ अगर कांग्रेस ने चला यह दांव तो विपक्षी एकता को लग सकता है बड़ा झटका!

पश्चिम बंगाल उपचुनाव को लेकर कांग्रेस बहुत उत्साहित नहीं है। पार्टी उपचुनाव से दूर रहना चाहती है, पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने का ऐलान कर पार्टी नेतृत्व को मुश्किल में डाल दिया है। जबकि पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ रिश्ते बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी को तीनों सीट पर उपचुनाव नहीं लडना चाहिए। जंगीपुर और शमशेरगंज में चुनाव लड़ने के बारे में एक बार विचार किया भी जा सकता है, पर भवानीपुर से ममता बनर्जी के खिलाफ पार्टी को किसी कीमत पर उम्मीदवार नहीं उतारना चाहिए। क्योंकि, विपक्षी एकता के लिए तृणमूल कांग्रेस बड़ी ताकत है।

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव को लक्ष्य बनाकर सभी दलों से एकजुट होने की अपील कर रही है। बीस अगस्त को विपक्षी नेताओं के साथ बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि इस वक्त विपक्षी दलों की एकजुटता राष्ट्रहित की मांग है। इसके बाद ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है।

पार्टी नेता मानते हैं कि अधीर रंजन चौधरी मुख्यमंत्री के साथ अपनी नाराजगी की वजह से इस तरह की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि, पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी ने अधीर रंजन की शिकायत की थी। इसके बाद उन्हें लोकसभा में पार्टी के नेता से हटाए जाने पर भी चर्चा हुई थी। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के भी कई नेता प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के निर्णय से सहमत नहीं है। एक नेता के मुताबिक, इस वक्त ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने के बारे में विचार ही नहीं किया जाना चाहिए था, बेहतर होता कि हम अपनी सहयोगी लेफ्ट पार्टियों पर भी दबाव बनाते कि वह भी ममता के खिलाफ चुनाव नहीं लड़े। क्योंकि, सीपीएम की कई युवा महिला नेता भी चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है।दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कोलकाता में कहा कि प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर नेता तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ चुनावल लड़ने के पक्ष में थे। इसलिए हमने फैसला किया है कि भवानीपुर सीट पर उम्मीदवार खड़ा किया जाएगा। कुछ माह पहले हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी।