अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) कोविड-19 महामारी से प्रभावित पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने वाली टीमों का फैसला उन्होंने जितने मैचों में हिस्सा लिया है उनमें मिले अंकों के प्रतिशत के आधार पर करने पर विचार करेगा। क्रिकेट वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार आइसीसी की क्रिकेट समिति ने पहले टूर्नामेंट के लिए इस विकल्प पर विचार किया है लेकिन अंतिम फैसला इस हफ्ते मुख्य कार्यकारियों की समिति करेगी।
रिपोर्ट के अनुसार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने वाली टीमों का फैसला उनके द्वारा खेले मुकाबलों से मिले अंकों के प्रतिशत के आधार पर किया जा सकता है। आइसीसी की साल की अंतिम तिमाही बैठक सोमवार से शुरू होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने महामारी के कारण नहीं खेले गए मैचों को ड्रॉ मानने और अंक बांटने के विकल्प पर भी विचार किया, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। डब्ल्यूटीसी के अनुसार शीर्ष रैंकिंग वाली प्रत्येक नौ टीमें दो साल में छह सीरीज खेलती हैं और प्रत्येक सीरीज में अधिकतम 120 अंक दांव पर लगे होते हैं।
अगले साल जून में लॉर्ड्स में होगा फाइलनल
शीर्ष दो टीमें अगले साल जून में लॉर्ड्स में होने वाले फाइनल में जगह बनाएंगी। नए प्रस्ताव के अनुसार अगर भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सभी चार टेस्ट गंवा देता है और इंग्लैंड के खिलाफ सभी पांच टेस्ट जीत लेता है तो उसके 480 यानी 66.67 अंक हो जाएंगे। भारत अगर इंग्लैंड के खिलाफ पांचों टेस्ट जीतता है और ऑस्ट्रेलिया से 1-3 से हार जाता है जो उसके 510 या 70.83 प्रतिशत अंक होंगे जो न्यूजीलैंड के अधिकतम संभव प्रतिशत से कुछ अधिक होगा।