बॉलीवुड सुपर स्टार शाहरुख खान ने अपने कैरियर में उतार-चढ़ाव देखे हैं कितु उनका कहना है कि उन्होंने अपने फैसलों पर कभी खेद नहीं जताया । मंगलवार को 54 वर्षीय खान ने अपने ट्विटर हैंडल पर सवाल-जवाब का एक दौर ‘आस्कएसआरके’ शुरू किया और अपने प्रशंसकों के सवालों का जवाब दिया।
जब एक प्रशंसक ने पूछा कि क्या उन्हें पिछले 1० सालों में खराब पटकथा चुनने का पछतावा है तो जवाब में खान ने कहा,” आप जो करते हैं, उस पर आपको विश्वास करना होता और उस पर अडिग रहना होता है। … उपलब्धियां और स्वीकृति दर्शक के हाथ में है… । आपका विश्वास आपके दिल में होना चाहिए।’ खान आखिरी बार 2०18 में आनंद एल राय की फिल्म ‘जीरो’ में नजर आए थे और उसके बाद से अभिनेता ने अपनी अगली परियोजना की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि खान की नई फिल्मों को लेकर कई अटकलें लगाई जाती रही हैं लेकिन उन्होंने सब को नकार दिया है।
एक प्रशंसक के द्बारा खान की अगली फिल्म के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘शूटिग शुरू होगी, फिर निर्माण के बाद का काम पूरा किया जाएगा और सिनेमाघरों में आने में लगभग एक साल लग जाएंगे…मुझे लगता है।” अभिनेता ने अपने प्रशंसकों से यह भी आग्रह किया कि वे उनका 55 वां जन्मदिन मनाने के लिए दो नवंबर को मुंबई में उनके बंगले मन्नत के बाहर इकट्ठा न हो । खान ने कहा, ”मैं सलाह देता हूं कि कोई भीड़ में इकठ्ठा ना हो। मेरा जन्मदिन हो या कुछ भी हो! इस बार का प्यार… थोड़ा दूर से यार।” हर साल उनके जन्मदिन पर वह अपनी बालकनी से अपने प्रशंसकों का अभिवादन करते हैं। उनके प्रशंसक आधी रात से ही उनके बंगले के बाहर जमा होने लगते हैं।
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.
अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ