तिरुवनंतपुरम से चार बार कांग्रेस के सांसद शशि थरूर इन दिनों काफी चर्चा में हैं. आमतौर पर मोदी सरकार की प्रशंसा से बचने वाली कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पहले पीएम के अमेरिका दौरे की तारीफ करते हैं फिर कुछ ऐसा होता है कि अंदरखाने कई तरह की खबरें आने लगती हैं. सवाल उठने लगे हैं कि क्या कांग्रेस से थरूर का मोहभंग हो गया है? क्या वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले हैं? थरूर के मन में क्या है, यह तो वही जानें लेकिन ‘इंडियन एक्सप्रेस मलयालम’ के साथ इंटरव्यू में उन्होंने अतीत की चर्चा करते हुए इशारों में भविष्य का भी प्लान समझा दिया. राजनीति के जानकारों की मानें तो थरूर चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी केरल में उन्हें मुख्यमंत्री फेस बनाए.
चपन से कांग्रेस में नहीं
जब इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि आपने चौथी बार चुनाव जीतने पर आगे संसदीय चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था लेकिन अब आप अलग भाषा बोल रहे हैं? अब आप ज्यादा मुखर होकर और बिना किसी भय के बोल रहे हैं. थरूर थोड़ा मुस्कुराए. बोले- भय? मुझे भय कब रहा? मुझे डर नहीं लगता. हमें यह समझने की जरूरत है कि मैं करियर का सोचकर राजनीति में नहीं आया. मैं वैसा नेता नहीं हूं जो बचपन से, Kerala Students यूनियन और NSUI कांग्रेस की छात्र शाखा से होकर पार्षद बना फिर एमएलए और सांसद.
थरूर ने साफ कहा, ‘मेरा पूरा करियर संयुक्त राष्ट्र में बीता. पार्टी (कांग्रेस) ने मुझसे चुनाव लड़ने, यहां आकर शामिल होने का अनुरोध किया था. उन्होंने (कांग्रेस ने) कहा कि आइए राजनीति जॉइन कीजिए, अपने ज्ञान को साझा कीजिए और हमारे साथ सहयोग कीजिए. मैं इस भावना से राजनीति में आया.’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैं हमेशा से खुद को पार्टी का एक हिस्सा मानता हूं. मैंने पार्टी को अपना पूरा सहयोग दिया है लेकिन मेरा उद्देश्य हमेशा रहा है कि भारत को कैसे आगे ले जाया जाए, केरल को कैसे इंप्रूव किया जाए. अगर आप मेरे भाषण, खासतौर से हाल के वर्षों में जो यूट्यूब पर काफी लोकप्रिय हुए… यूट्यूब पर आप पिछले 6-7 वर्षों का भाषण सुन सकते हैं. मेरा स्टैंड जरा भी नहीं बदला है. मैंने हमेशा चार या पांच वैल्यूज की बात की है. भारत का बहुलवाद मेरे लिए महत्वपूर्ण है और केरल के विकास के लिए भी.
मैं बेझिझक बोलता हूं
थरूर ने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि हमारे राज्य (केरल) और देश में इतनी बेरोजगारी क्यों है? हम क्या समाधान कर सकते हैं. खासतौर से केरल में, क्योंकि मैं यहां का प्रतिनिधि हूं. मैंने इन मुद्दों पर अनगिनत बार केरल में और संसद में बोला है. और दुनिया में भी जहां भी मौका मिलता है. मुझे यह कहने में कोई डर या झिझक नहीं है. मैं खुलकर अपनी बात रखता हूं. ऐसे में यह कहना ठीक नहीं है कि चुनाव जीतने के बाद मैं बदल गया हूं.
उन्होंने आगे केरल के विकास पर जोर देते हुए कहा कि मेरे ख्याल से केरल की जरूरतों को लेकर हमें राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है. यहां हर क्षेत्र में राजनीति घुसी हुई है. शिक्षा, विश्वविद्यालय, सांस्कृतिक क्षेत्र हो या साहित्य हर जगह पॉलिटिक्स है. साफ है कि केरल काफी पॉलिटिकल स्टेट है लेकिन पिछले 15-16 साल में हम विकास में पिछड़े हैं.
क्या सीएम फेस बनना चाहते हैं थरूर
थरूर ऐसे समय में केरल की ज्यादा चर्चा करते सुने जा रहे हैं जब राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं. राजनीति के जानकार यह भी कह रहे हैं कि थरूर आने वाले चुनाव में कांग्रेस की तरफ से सीएम उम्मीदवार बनना चाहते हैं.
वह भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री के साथ मुस्कुराती हुई सेल्फी लेते हैं तो पार्टी में धुकधुकी बढ़ने लगती है. थरूर की नाराजगी की खबरों के बीच चर्चा है कि कांग्रेस डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर रही है. केरल में एक बड़ी बैठक होने वाली है. 28 फरवरी को थरूर के साथ गंभीर चर्चा हो सकती है.
आखिर में कांग्रेस पर बोले थरूर
हालांकि इंटरव्यू के आखिर में थरूर ने जोर देकर कहा कि तमाम आलोचनाओं के बावजूद वह कांग्रेस के प्रति वफादार हैं और अगर जरूरत हुई तो पार्टी में बड़ी भूमिका के लिए तैयार हैं. यह बड़ी भूमिका क्या है? माना जा रहा है कि यह इशारा सीएम फेस का है.