लेबनान की राजधानी बेरुत में जिस शक्तिशाली धमाके में कम-से-कम 100 लोगों की जान गई और 4,000 से ज़्यादा लोग घायल हो गए, उस धमाके के केंद्र में एक वेयरहाउस है.
बताया जा रहा है कि इस वेयरहाउस में पिछले छह साल से ज़ब्त किया हुआ अमोनियम नाइट्रेट का भंडार जमा था जिसमें धमाका हो गया.
लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब ने इसे एक ख़तरनाक वेयरहाउस बताया है जो वहाँ 2014 से बना हुआ था. उन्होंने इसे प्रलयंकारी घटना बताया और कहा कि ज़िम्मेदार लोगों को नहीं बख़्शा जाएगा.
वहीं लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल आउन ने कहा है कि इस बात को किसी भी तरह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि आख़िर कैसे 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट वहाँ असुरक्षित तरीक़े से रखा हुआ था.
धमाका इतना ज़बरदस्त था कि उसकी आवाज़ 240 किलोमीटर दूर साइप्रस तक में सुनाई दी.
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अमोनियम नाइट्रेट क्या है?
अमोनियम नाइट्रेट एक गंधहीन केमिकल पदार्थ है जिसका कई कामों में इस्तेमाल होता है.
मगर सामान्यतः इसका सबसे ज़्यादा प्रयोग दो कामों में होता है – खेती के लिए उर्वरक के तौर पर और निर्माण या खनन कार्यों में विस्फोटक के तौर पर.
ये अत्यंत विस्फोटक केमिकल होता है. आग लगने पर इसमें धमाका होता है और उसके बाद ख़तरनाक गैस निकलने लगती हैं जिनमें नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया गैस शामिल हैं.
चूँकि ये अत्यंत ज्वलनशील केमिकल होता है, इसलिए इसके रख-रखाव के लिए कड़े नियम बने हैं.
इनमें ये सब प्रबंध ज़रूरी हैं – जैसे वो स्टोर पूरी तरह से फ़ायरप्रूफ़ होना चाहिए. साथ ही वहाँ कोई भी नाला, पाइप या गटर नहीं होना चाहिए जिसमें अमोनियम नाइट्रेट जमा हो सके.
लेबनान में धमाके के बाद अब जाँच हो रही है कि आख़िर वेयरहाउस में रखे अमोनियम नाइट्रेट में आग कैसे लगी.
अमोनियम नाइट्रेट की वजह से पहले भी कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं.
2013 में अमरीका के टेक्सस राज्य में एक फ़र्टिलाइज़र प्लांट में धमाका हुआ था जिसमें 15 लोगों की मौत हुई थी.
2001 में फ़्रांस के टुलूज़ में भी एक केमिकल प्लांट में धमाका हुआ था जिसमें 31 लोग मारे गए थे.
1995 में अमरीका के ओकलाहोमा में हुए धमाके में इस्तेमाल हुए बम में भी अमोनियम नाइट्रेट पाया गया था.
धमाके के बाद का मंज़र
धमाका मंगलवार को बेरुत के तटीय इलाक़े में हुआ. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर हुआ है जिसमें दिखता है कि उस जगह आग की लपटों के साथ धुएं के गुबार उठ रहे हैं. कई किलोमीटर तक तबाही के मंज़र भी हैं.
धमाके के बाद वहाँ मौजूद एक चश्मदीद ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा कि आसपास की सभी इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. चारों तरफ़ शीशे और मलबे बिखरे पड़े हैं.
हादी नसरुल्लाह नाम के एक चश्मदीद ने बीबीसी से कहा- “मैंने आग की लपटें देखीं लेकिन मुझे ये नहीं पता था कि धमाका होने जा रहा है. मैं भीतर चला गया. अचानक मुझे सुनाई पड़ना बंद हो गया क्योंकि मैं घटनास्थल के बहुत क़रीब था. कुछ सेकंड तक मुझे कुछ भी सुनाई नहीं दिया. मुझे लगने लगा था कि कुछ गड़बड़ है.
तभी अचानक गाड़ियों, दुकानों और इमारतों पर शीशे टूटकर गिरने लगे. पूरे बेरुत में अलग-अलग इलाक़ों से लोग एक दूसरे को फ़ोन कर रहे थे. हर किसी ने धमाके की आवाज़ सुनी. हम बिल्कुल अवाक थे क्योंकि पहले कोई धमाका होता था तो कोई एक इलाक़ा ही प्रभावित होता था लेकिन यह ऐसा धमाका था जिसे बेरुत के बाहर भी महसूस किया गया.”