STF कुलपति विनय पाठक के करीबी अजय मिश्र के साथी संतोष की गिरफ्तारी के बाद रुहेलखंड विवि के प्रशासनिक अफसरों से भी पूछताछ करेगी। STF संतोष की कम्पनी सत्यम सॉल्यूसंस को चार करोड़ की कोरोना किट ठेका कैसे और किसके कहने पर मिला।
STF सूत्रों के मुताबिक संतोष का अजय मिश्र के साथ ही वीसी विनय पाठक से भी बातचीत की डिटेल मिली है। जिससे साफ होता है कि संतोष और अजय की रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कई अफसरों से भी बात होती रही है। इसी के चलते संतोष को नियमों को ताक पर रखकर ठेका दिया गया। दूसरी तरफ STF ने शुक्रवार को गिरफ्तार सीतापुर निवासी संतोष कुमार को शनिवार को जेल भेज दिया।
STF सूत्रों के मुताबिक संतोष ने पूछताछ में बताया कि अजय मिश्र उसकी कंपनी के नाम पर अलग-अलग विश्वविद्यालयों में ठेका लेने में प्रयोग करता था। इसके बदले कम्पनी को कमीशन देता था। संतोष ने बताया कि अजय के जरिए ही उसकी कुलपति विनय पाठक से बातचीत हुई थी।
कोरोना किट की सप्लाई का ठेका दिलाने के लिए अजय ने बात की थी। इसलिये ही उसने ठेका मिलने के एक महीना पहले ही करीब डेढ़ करोड़ रुपए की कोरोना किट खरीद ली थी।
STF के अधिकारी ने दावा किया कि संतोष ने रुहेलखंड विवि के कई प्रशासनिक अफसरों के नाम लिये हैं। इनसे उसकी बातचीत हुई और दो-तीन बार मुलाकात भी हुई। STF ने संतोष को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसको जेल भेज दिया गया। STF जल्द ही संतोष को रिमांड पर लेकर अन्य साक्ष्य जुटाएगी।