राजकुमार राव को किसी-न-किसी कारण से प्रोजेक्ट से बाहर कर दिया गया था. हालांकि, एक्टर ने कहा है कि ऐसे उदाहरण उनकी नहीं, बल्कि उन निर्माताओं की विफलता को उजागर करते हैं. राजकुमार हाल में ऑडिबल के पॉडकास्ट ‘द लॉन्गेस्ट इंटरव्यू’ में नजर आए और उन्होंने कहा, ‘कुछ मौकों पर सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन फिर किसी कारण से मुझे फिल्म से निकाल दिया गया. यह मेरी विफलता नहीं थी. यह उनकी विफलता थी कि उन्होंने इसे ठीक से नहीं संभाला. उन अनुभवों ने मुझे हमेशा तैयार रहना सिखाया.’
राजकुमार राव ने बताया कि पीछे मुड़कर देखने पर उन्हें महसूस हुआ कि शायद यह सबसे अच्छा ही था. फिल्म कभी नहीं बनी या फिर किरदार प्रभावशाली नहीं थे. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि जब ब्रह्मांड आपका मार्गदर्शन कर रहा है, तो सब कुछ ठीक हो जाता है.’ उन्होंने यह भी बताया कि ‘काई पो चे’ पर काम करने का उनका अनुभव कैसा रहा. उन्होंने दिलचस्प कहानी शेयर करते हुए कहा, ‘मुझे चेतन भगत की द थ्री मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ पढ़ने में मजा आया. इससे पहले, उनकी एक और किताब ‘वन नाइट एट द कॉल सेंटर’ पर पहले ही फिल्म बन चुकी थी, इसलिए मुझे पता था कि वह एक ऐसे लेखक हैं जिनकी किताबों पर फिल्में बन रही हैं.’
राजकुमार राव की दिली ख्वाहिश जब हुई पूरी
एक्टर ने आगे कहा, ‘मुझे अभी भी याद है, जब मैं बॉम्बे में नया था, मैंने थ्री मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ पढ़ी और वास्तव में इसे यूनिवर्स में जाहिर किया. पुस्तक में तीन पात्र हैं और मुझे उम्मीद थी कि अगर कभी कोई फिल्म बनी, तो मुझे उनमें से एक भूमिका मिलेगी. मैंने यह नहीं बताया कि कौन सी भूमिका होगी, लेकिन मैं वास्तव में इसके लिए इच्छुक था और फिर काई पो चे बनी. यह अवास्तविक है लेकिन सच है.’