हथियारों की होड़ को कैसे कम करेंगे अमेरिकी नए मुखिया बाइडन

अमेरिका में सत्‍ता परिवर्तन के पूर्व वाशिंगटन और मॉस्‍को के बीच नए हथियारों के होड़ को लेकर एक नई बहस खड़ी हो गई है। आखिर क्‍या है ताजा मामला। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति के समक्ष क्‍या होगी बड़ी चुनौती। क्‍या है स्ट्रैटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी। चीन होगा बड़ा फैक्‍टर।

दरअसल, 2010 में अमेरिका और रूस के बीच शुरू हुई स्ट्रैटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी की मियाद 5 फरवरी को समाप्‍त हो रही है। इस ट्रीटी की अवधि को आगे बढ़ाने के लिए वाशिंगटन और मास्‍को के बीच एक नए करार की दरकार होगी। इसलिए नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति बाइडन के सत्‍ता संभालते ही इस ट्रीटी को आगे बढ़ाने की बड़ी जिम्‍मेदारी होगी। बाइडन के लिए यह राह आसान नहीं होगी, क्‍यों राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के प्रशासन काल में दोनों देशों के बीच इस ट्रीटी को लेकर तमाम मतभेद कायम रहे हैं। दूसरे, चीन की बढ़ती ताकत से निपटने के लिए अमेरिका की नई सामर‍िक नीति के साथ इस गुत्‍थी को सुलझाना आसान काम नहीं होगा।

रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि हम अमेरिका के साथ हथियारों के नियंत्रण पर वार्ता करने के लिए राजी हैं, लेकिन लिए हमारे सहयोगियों को भी सकारात्‍मक रुख दिखाना होगा। इसके बाद दोनों देशों के बीच हथ‍ियारों की रेस पर एक नई बहस छीड़ गई है। हालांकि, रूस को भी नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति बाइडन के सत्‍ता ग्रहण करने का इंतजार है।

क्‍या है स्ट्रैटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी